सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा 50,000 किलोमीटर लंबा समुद्री केबल स्थापित करेगी जिसका दायरा पांच महाद्वीपों तक होगा और यह भारत और अमेरिका को भी आपस में जोड़ेगा। दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान में यह बात कही। मेटा समुद्री केबल परियोजना के तहत कई वर्ष तक कई अरबों की पूंजी का निवेश करेगी और इस काम की शुरुआत इस वर्ष ही होगी।
दोनों देशों ने कहा, ‘भारत का इरादा हिंद महासागर में समुद्र के भीतर केबल के प्रबंधन, रख-रखाव और वित्तीय मदद मुहैया कराने के लिए निवेश करना होगा। और इसके लिए विश्वसनीय वेंडरों का सहारा लिया जाएगा।’
मेटा की समुद्र के भीतर केबल वाली परियोजना, इसकी 18वीं ऐसी परियोजना होगी जिसके केंद्र में भारत होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब 17 अंतरराष्ट्रीय समुद्री केबल हैं जिनके 17 जिले में लैंडिंग स्टेशन हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष अनिल कुमार ने इस वर्ष एक इवेंट में बताया था कि इन केबल की कुल लिट कैपेसिटी और एक्टिविटी कैपेसिटी से जुड़ी क्षमता क्रमशः 180 टेराबाइट प्रति सेकंड (टीबीपीएस) और 132 टीबीपीएस है। इनके अलावा दो नए केबल सिस्टम इंडिया एशिया एक्सप्रेस (आईएएक्स) और इंडिया यूरोप एक्सप्रेस (आईईएक्स) सामूहिक रूप से 15,000 किलोमीटर से भी अधिक लंबे हैं और इनका स्वामित्व रिलायंस जियो के पास है और इनकी शुरुआत 2025 के अंत में हो जाएगी।