facebookmetapixel
50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदाअब ALMM योजना के तहत स्वदेशी सोलर सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन पर सरकार का जोर: जोशीRupee vs Dollar: रुपया 88.44 के नए निचले स्तर पर लुढ़का, एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बनीब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

सरकार के फोन पर Live TV आइडिया से खुश नहीं Samsung, Qualcomm जैसी कंपनियां

कंपनियों का कहना है कि भारत सरकार के प्रस्ताव से स्मार्टफोन की कीमत 30 डॉलर (करीब 2500 रुपये) बढ़ सकती है।

Last Updated- November 08, 2023 | 3:54 PM IST
5G smartphone shipments in the country will surpass 4G

सैमसंग और क्वालकॉम जैसी कंपनियां स्मार्टफोन पर लाइव टीवी के लिए भारत की पसंद से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि जरूरी हार्डवेयर परिवर्तन से डिवाइस $30 (करीब 2500 रुपये) ज्यादा महंगे हो जाएंगे।

भारत सेल्युलर नेटवर्क पर निर्भर हुए बिना लाइव टीवी सिग्नल प्राप्त करने के लिए स्मार्टफोन में हार्डवेयर को अनिवार्य बनाने के बारे में सोच रहा है। वे आमतौर पर उत्तरी अमेरिका में उपयोग की जाने वाली ATSC 3.0 तकनीक का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं, जो टीवी सिग्नलों को सटीक जियो-लोकेशन और हाई पिक्चर क्वालिटी ऑफर करती है।

कंपनियां चिंता व्यक्त कर रही हैं कि भारत में उनके मौजूदा स्मार्टफोन ATSC 3.0 को सपोर्ट नहीं करते हैं। उन्हें कंपेटिबल बनाने से हर एक डिवाइस की कीमत में $30 (करीब 2500 रुपये) जुड़ जाएंगे, क्योंकि ज्यादा कंपोनेंट की जरूरत होगी। यह संभावित रूप से उनकी मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग प्लान को प्रभावित कर सकता है।

डिवाइस की बैटरी परफॉरमेंस पर पड़ सकता है असर

सैमसंग, क्वालकॉम, एरिक्सन और नोकिया ने भारत की कम्युनिकेशन मिनिस्ट्री को एक लेटर लिखा, जिसमें कहा गया कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल प्रसारण शामिल करने से डिवाइस की बैटरी परफॉरमेंस पर असर पड़ सकता है और सेलुलर रिसेप्शन बाधित हो सकता है।

चार कंपनियों और भारत के संचार मंत्रालय ने कॉमेंट के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया। प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक सूत्र के अनुसार, प्रस्ताव अभी भी विचाराधीन है और इसे बदला जा सकता है, और लागू करने के लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं है।

स्मार्टफ़ोन पर टीवी चैनलों के डिजिटल प्रसारण का दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों ने सीमित तौर ही अपनाया है। अधिकारी इसका कारण टेक्नॉलजी को सपोर्ट करने वाले डिवाइस की कमी को मानते हैं।

भारत के स्मार्टफोन क्षेत्र की कंपनियां लेटेस्ट पॉलिसी का विरोध कर रही हैं। हाल ही में, उन्होंने फोन को घरेलू नेविगेशन सिस्टम के अनुकूल बनाने के भारत के प्रयासों और हैंडसेट के लिए सिक्योरिटी टेस्टिंग अनिवार्य करने वाले एक अन्य प्रस्ताव का विरोध किया था।

दूरसंचार नेटवर्क पर दबाव को कम करना चाहती है भारत सरकार

भारत सरकार ज्यादा लोगों द्वारा वीडियो देखने के कारण दूरसंचार नेटवर्क पर होने वाली भीड़ को कम करने में मदद के लिए स्मार्टफोन पर लाइव टीवी चाहती है।

इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA), जो Apple और Xiaomi जैसे स्मार्टफोन दिग्गजों का प्रतिनिधित्व करता है, ने 16 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में निजी तौर पर इस कदम का विरोध किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में, दुनिया भर में कोई भी प्रमुख हैंडसेट निर्माता ATSC 3.0 का सपोर्ट नहीं करता है।

रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट के अनुसार, सैमसंग 17.2% हिस्सेदारी के साथ भारत के स्मार्टफोन बाजार में टॉप पर है, जबकि Xiaomi 16.6% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है। Apple के पास 6% हिस्सेदारी है।

रॉयटर्स द्वारा रिव्यू किए गए ICEA लेटर में कहा गया है, “ऐसी किसी भी तकनीक को शामिल करना जो सिद्ध और विश्व स्तर पर स्वीकार्य नहीं है … घरेलू मैन्युफैक्चरिंग की गति को पटरी से उतार देगी।”

First Published - November 8, 2023 | 3:54 PM IST

संबंधित पोस्ट