स्वीडिश दूरसंचार उपकरण निर्माता एरिक्सन ने कहा है कि अगर सरकार फिल्टर, चिप निर्माण और अन्य कम्पोनेंट के निर्माण जैसे क्षेत्रों सहित व्यापक आपूर्ति श्रृंखला के विकास में सहयोग दे तो वह और यहां ज्यादा निवेश करने को तैयार है। दक्षिण-पूर्व एशिया, ओसीनिया और भारत के लिए कंपनी के प्रमुख एंड्रेस विसेंट ने यह जानकारी दी। उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड की गुलवीन औलख को विशेष बातचीत में बताया कि भारत दूरसंचार उपकरणों के लिए वैश्विक वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र बनने की अच्छी स्थिति में है जो कंपनी के भविष्य के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में उसके कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है। उनसे बातचीत के अंश:
भारत में उत्पादन बढ़ाने की क्या योजनाएं हैं? वीवीडीएन संग भागीदारी के बाद क्या और अधिक थर्ड-पार्टी निर्माताओं पर विचार किया जाएगा?
वीवीडीएन के साथ सहयोग के माध्यम से हम भारत में एंटिना का निर्माण कर रहे हैं, न केवल भारतीय बाजार के लिए बल्कि अन्य देशों को निर्यात के लिए भी। वैश्विक रूप से एरिक्सन सिर्फ चार जगहों – भारत, मैक्सिको, रोमानिया और चीन- में एंटेना निर्माण करती है। इससे भारत हमारे वैश्विक निर्माण नेटवर्क का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनता है।
हमने सरकार से कहा है कि अगर वह फिल्टर, चिप निर्माण और अन्य कम्पोनेंट निर्माण जैसे क्षेत्रों सहित व्यापक आपूर्ति श्रृंखला के विकास में मदद करे तो हम और अधिक निवेश के लिए तैयार हैं। भारत दूरसंचार उपकरणों का वैश्विक वैकल्पिक निर्माण केंद्र बनने के लिहाज से अच्छी स्थिति में है और हम इस यात्रा में अपनी केंद्रीय भूमिका देख रहे हैं।
यूरोपीय दूरसंचार उपकरण निर्माता सरकार से प्रिफरेंशियल मार्केट एक्सेस (पीएमए) नीति में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। इस बारे में आप क्या कहते हैं?
सरकार के साथ हमारी बातचीत लगातार सकारात्मक बनी हुई है। सरकार भारत में हमारे निवेश के आकार को समझती है। एरिक्सन 1903 से भारत में मौजूद है और 1994 में यहां की पहली दूरसंचार निर्माता कंपनी बनी, जिसने स्थानीय कंपनियों के साथ साझेदारी की और इस दौरान तकनीक का हस्तांतरण किया। आज, हम भारत में जो कुछ भी बेचते हैं, वह भारत में ही निर्मित है। इसमें स्थानीय विनिर्माण कंपनियों के साथ हमारी साझेदारियां भी शामिल हैं। भारत ऐसा देश है जहां एरिक्सन दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार देती है। भारत में कंपनी के 21,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं।
5जी पेशकश के बाद अगले दो से तीन वर्षों के लिए भारतीय बाजार को लेकर आपका दृष्टिकोण क्या है?
भारत 5जी के क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है, हालांकि उसके विस्तार की गति थोड़ी धीमी हो गई है। भारत ने पहले ही लगभग 80 फीसदी 5जी कवरेज हासिल कर लिया है जबकि चीन में यह लगभग 40 प्रतिशत है। यह बड़ी उपलब्धि है और इससे पता चलता है कि भारत ने इस तकनीक को लागू करने में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और पूरे देश में 100 प्रतिशत कवरेज तक पहुंचने के लिए अभी भी काम करना बाकी है। साथ ही, 5जी के पूरे लाभ केवल 5जी की तैनाती से ही मिलेंगे।
वोडाफोन आइडिया (वी) 5जी में उतर रही है और आप उसके आपूर्तिकर्ताओं और शेयरधारकों में से एक हैं। यह वृद्धि कैसी दिखती है? क्या वी उन प्रतिस्पर्धियों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद स्थिति में है जिन्होंने 5जी को पहले शुरू किया था?
वोडाफोन आइडिया के बारे में मैं चाहूंगा कि अपनी योजनाओं पर वे ही टिप्पणी करें। लेकिन फिलहाल, वे दो प्रमुख प्राथमिकताओं पर ध्यान दे रहे हैं- क्षमता और प्रदर्शन में सुधार के लिए अपने 4जी नेटवर्क का आधुनिकीकरण। साथ ही, चुनिंदा शहरों में 5जी की तैनाती। उदाहरण के लिए हम इस समय दिल्ली में उनका 5जी नेटवर्क खड़ा कर रहे हैं। हालांकि वे अभी शुरुआती चरण में हैं, लेकिन वोडाफोन आइडिया फिर भी 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को सेवा दे रही है।