भारत ने कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान 1,300 से अधिक एक्टिव टेक स्टार्टअप जोड़े हैं, जिससे ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या बढ़कर 25,000 से 27,000 के बीच हो गई। एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है। भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप वाला देश बना हुआ है।
‘NASSCOM Zinnov Indian Tech Start-up Landscape Report 2022’ में पाया गया है कि भारत ने कैलेंडर वर्ष 2022 में 23 से अधिक यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर या इससे अधिक मूल्यांकन वाली कंपनियां) के साथ दुनिया में यूनिकॉर्न की दूसरी सर्वाधिक संख्या शामिल की है।
इसके साथ ही यूनिकॉर्न की संभावित पाइपलाइन बढ़कर 170 से अधिक हो गई है, जो वर्ष 2021 की बराबर वाली रफ्तार से बढ़ रही है।
NASSCOM के अध्यक्ष डी घोष ने कहा कि प्रचुरता के युग से बाधा वाले युग तक को ध्यान में रखते हुए भारतीय टेक स्टार्टअप्स को मूल्य सृजन और विकास के लिए मूल्यांकन से परे देखने की जरूरत है। मौजूदा मंदी के बावजूद नवोन्मेषी कंपनियों के लिए प्रचुर मात्रा में अवसर हैं, जो उभरती हुई तकनीकों का लाभ उठा रही हैं।
रकम जुटाने की कवायद में मंदी के बावजूद वर्ष 2022 ऐसे वर्ष के रूप में उभरा है, जिसमें वर्ष 2019 और 2022 के बीच सर्वाधिक स्तर पर सीड फंडिंग और शुरुआती चरण का निवेश देखा गया है। वर्ष 2021 के मुकाबले इन दोनों तरह के निवेशों में 25 से 35 फीसदी के बीच वृद्धि हुई है। शुरुआती चरण वाला निवेश 5.9 अरब डॉलर के स्तर पर रहा और सीड फंडिंग का निवेश 1.2 अरब डॉलर स्तर पर। वर्ष 2022 के दौरान टेक स्टार्टअप्स में सीड चरण में 1,018 निवेश किए गए।
बाद के चरण वाले निवेश में 10 करोड़ डॉलर से अधिक के सौदे के आकार में 41 फीसदी की गिरावट झेलनी पड़ी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक सार्वजनिक बाजारों में काफी गिरावट के कारण ऐसा हुआ, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्र के शेयरों में, जिनके मूल्यांकन में खासी गिरावट देखी गई।
हालांकि गैर-यूनिकॉर्न को कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान कुल निवेश का 66 फीसदी प्राप्त हुआ।