आम तौर पर नरम रहने वाली तिमाही और वैश्विक अनिश्चितता के बीच इन्फोसिस का मुनाफा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में अनुमान से बेहतर रहा। बेहतर नतीजों से उत्साहित होकर कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी आय के अनुमान को भी बढ़ा दिया है।
वित्त वर्ष 2023 के लिए इन्फोसिस ने आय में 16 से 16.5 फीसदी के दायरे में वृद्धि का अनुमान लगाया है। इससे पहले कंपनी ने आय में 15 से 16 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया था। हालांकि इन्फोसिस ने परिचालन मार्जिन के अनुमान को 21 से 22 फीसदी पर बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी ने अच्छे सौदे हासिल किए और कर्मचारियों की कंपनी छोड़ने की दर भी घटी है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इन्फोसिस ने कुल 3.3 अरब डॉलर मूल्य के अनुबंध हासिल किए जो इससे पिछली तिमाही के 2.7 अरब डॉलर से अधिक है। प्रबंधन ने कहा कि कुल अनुबंध मूल्य पिछली आठ तिमाही में सबसे अधिक रही। इस बीच कंपनी में कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की दर भी वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में घटकर 24 फीसदी रह गई। इससे पिछली तिमाही में यह 27 फीसदी थी।
वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में इन्फोसिस का शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 13.4 फीसदी समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की आय भी सालाना आधार पर 20.2 फीसदी बढ़कर 38,318 करोड़ रुपये रही।
इन्फोसिस के नतीजे उम्मीद से बेहतर
ब्लूमबर्ग के अनुमान के आधार पर इन्फोसिस का प्रदर्शन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) से बेहतर रहा है। इन्फोसिस का मुनाफा और आय दोनों अनुमान से ज्यादा रहा। दूसरी ओर टीसीएस की आय अनुमान से बेहतर रही मगर मुनाफा थोड़ा कम रहा था।
इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा, ‘आम तौर पर नरम रहने वाली तिमाही और वैश्विक चुनौतियों के बीच हम बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में सफल रहे। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सभी क्षेत्रों और बाजारों में कंपनी ने अच्छा प्रदर्शन किया और स्थिर मुद्रा पर दो अंक में वृद्धि दर्ज की। हम डिजिटल और मुख्य सेवाओं दोनों क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि देख रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि ऑटोमेशन तथा लागत कम करने में तेजी की वजह से बड़े सौदे मिल रहे हैं। हालांकि उन्होंने आगाह किया कि निर्णय लेने में देरी और अनिश्चितता की वजह से मॉर्गेज, निवेश बैंकिंग, दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र पर असर पड़ रहा है।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा में शोध प्रमुख संजीव होटा ने कहा, ‘हमारा मानना है कि वैश्विक वृहद आर्थिक माहौल में अनिश्चितता का असर वित्त वर्ष 2024 में दिख सकता है। लेकिन इन्फोसिस की मजबूत पृष्ठभूमि और वैश्विक आईटी क्षेत्र में इसकी पैठ से दीर्घावधि में कंपनी के वृद्धि परिदृश्य पर असर पड़ने की आशंका नहीं है।’
कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की दर में भी सुधार हुआ है। हालांकि इस मामले में टीसीएस इन्फोसिस से आगे रही है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में टीसीएस में कर्मचारियों की कंपनी छोड़ने की दर घटकर 21.3 फीसदी रही जबकि इन्फोसिस के मामले में यह 24 फीसदी रही।