वृहद आर्थिक माहौल में अनिश्चितता देखते हुए ई-कॉमर्स दिग्गज Flipkart अपने करीब 30 फीसदी कर्मचारियों का वेतन इस बार नहीं बढ़ाएगी। कंपनी द्वारा कर्मचारियों को भेजे गए पत्र से पता चलता है कि ग्रेड 10 और उसके ऊपर के वरिष्ठ कर्मचारियों या अधिकारियों की तनख्वाह नहीं बढ़ाई जाएगी। उनकी संख्या करीब 4,500 है।
फ्लिपकार्ट के चीफ पीपल ऑफिसर कृष्ण राघवन ने पत्र में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘वेतन वृद्धि के अगले चक्र में हम ग्रेड 9 और इससे नीचे के कर्मचारियों को प्राथमिकता देंगे। कुल मिलाकर हम फ्लिपकार्ट के 70 फीसदी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं।’ बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी यह पत्र देखा है। उन्होंने कहा, ‘हमने कठिन फैसला लिया है, जिसके तहत ग्रेड 10 और इससे ऊपर के पदों वाले कर्मचारियों का वेतन इस बार नहीं बढ़ाया जाएगा।’
फ्लिपकार्ट में करीब 15,000 कॉरपोरेट कर्मचारी हैं। सूत्रों के अनुसार ग्रेड 10 और इससे ऊपर के जिन कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ाया जाएगा, उनमें प्रबंधक से लेकर वरिष्ठ लीडरशिप टीमों के वाइस प्रेसिडेंट शामिल हैं। ऐसे कर्मचारियों की संख्या करीब 4,500 है। ऐसे में प्रबंधक से नीचे के पदों पर कार्यरत कंपनी के केवल 10,500 कर्मचारियों की ही तनख्वाह बढ़ेगी।
सूत्रों ने कहा कि फ्लिपकार्ट में आपूर्ति श्रृंखला और वेयरहाउस प्रबंधन के लिए किसी अन्य एजेंसी के जरिये लिए गए या ठेके पर रखे गए करीब 2 लाख कामगार हैं, लेकिन नई नीति उन पर लागू नहीं होगी।
फ्लिपकार्ट की रणनीति जानने वालों के मुताबिक कंपनी वरिष्ठ पदों पर मौजूद लोगों का वेतन नहीं बढ़ाएगी क्योंकि वह नकदी बचाने और मुनाफे में आने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भर्तियां भी कम कर दी गई हैं और कंपनी छोड़कर जाने की योजना बनाने वाले कर्मचारियों को रोका भी नहीं जा रहा है।
फ्लिपकार्ट के पत्र में कहा गया है, ‘आप सभी जानते हैं कि मौजूदा आर्थिक माहौल अनिश्चितता भरा है, जिसकी वजह से दुनिया भर की कंपनियों को सख्त उपाय करने पड़े हैं और उनके श्रमबल पर भी असर पड़ा है। लेकिन फ्लिपकार्ट में हमने हमेशा कर्मचारी और संगठन में संतुलन बनाने को तरजीह दी है।’
पिछले साल फ्लिपकार्ट के मुख्य कार्याधिकारी कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा था कि मौजूदा वैश्विक वृहद आर्थिक हालात से भारत अछूता नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा था कि फ्लिपकार्ट अपने सभी नए प्रयोगों पर खर्च घटा रहा है और अधिग्रहण तथा कारोबार में निवेश करने में ज्यादा सतर्कता बरतेगा।
सूत्रों ने कहा कि फ्लिपकार्ट की प्रवर्तक कंपनी वॉलमार्ट भी ईशॉप खरीद रही है, जिसके जरिये वह फ्लिपकार्ट के कर्मचारियों से फिनटेक कंपनी फोनपे के 70 करोड़ डॉलर के शेयर खरीद लेगी।
फोनपे ने अपना मुख्यालय भारत लाने के बाद 1 अरब डॉलर की पूंजी जुटाने का लक्ष्य रखा है और छह हफ्ते के अंदर उसने 45 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटा ली है। कंपनी को उम्मीद है कि इसमें वैश्विक और भारतीय धनाढ्य निवेश कर सकते हैं।