फेसबुक की प्रमोटर कंपनी मेटा ने दुनिया भर में अपने कर्मचारियों की छंटनी का तीसरा और आखिरी दौर शुरू किया है। इसका असर भारत में भी पड़ा है और यहां कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को कंपनी छोड़ने के लिए कहा गया है।
भारत में जिन बड़े अधिकारियों पर छंटनी की गाज जिन पर गिरी है उनमें भारत में मेटा के मार्केटिंग निदेशक (director of marketing) अविनाश पंत, निदेशक और मीडिया साझेदारी प्रमुख साकेत झा सौरभ तथा लीगल टीम में निदेशक अमृता मुखर्जी शामिल हैं।
इस बारे में जानकारी के लिए कंपनी को ईमेल भेजा गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।
मेटा में छंटनी कंपनी को अधिक कुशल बनाने के लिए इसके मुख्य कार्याधिकारी (CEO) और संस्थापक मार्क जुकरबर्ग द्वारा शुरू की गई ‘दक्षता के वर्ष’ कार्यक्रम का हिस्सा है। इसके तहत कंपनी करीब 10,000 कर्मचारियों की छंटनी कर रही है और खाली पड़े 5,000 पदों को भी नहीं भरा जा रहा है।
छंटनी के पिछले दौर की तरह ही मेटा के कई कर्मचारियों ने सोशल मीडिया और नेटवर्किंग प्लेटफॉर्मों पर अपनी व्यथा बताई है। जोडी लिन डॉर्क ने नौकरी से निकाले जाने के बाद एक ट्वीट में कहा, ‘मैं भी आज मेटा में छंटनी के जाल में फंस गई। अगर किसी को टेक-लीनिंग कंटेंट डिजाइन या प्रोडक्ट ओनर के खाली पड़े पद के बारे में पता हो तो कृपया मुझे बताएं।’ उन्होंने लिखा कि मूल्यांकन में उनका प्रदर्शन अपेक्षा से बेहतर बताया गया था मगर छंटनी कर दी गई है।
मेटा में पिछले 20 महीने से काम करने वाले कौशल नायडू जैसे कुछ लोग लिंक्डइन पर अपनी स्थिति के बारे में बता रहे हैं। मेटा में वह ट्रस्ट ऐंड सेफ्टी, प्रोग्राम मैनेजर के पद पर थे। उनके पास एच1-बी वीजा भी है यानी उन्हें तत्काल दूसरी नौकरी तलाशनी होगी या घर लौटना होगा।
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नायडू ने एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है, ‘मेरे लिए अजीब सी घड़ी है। मुझे मेटा में साथ काम करने वाले उम्दा प्रतिभाशाली साथियों की याद आएगी। मगर मैं अपने करियर की नई शुरुआत के बारे में सोचकर उत्साहित भी हूं। मैंने पिछले 13 वर्षों से लगातार काम करता आया हूं और इस मौके का इस्तेमाल खुद को जोश के साथ तरोताजा करने में करूंगा। अमेरिका में मैं कामकाजी वीजा (एच1बी) पर रह रहा हूं और इसलिए मुझे जल्द नौकरी तलाशनी होगी।’
जुकरबर्ग ने इसी साल मार्च में एक ब्लॉग में कहा था, ‘हम अपने दक्षता वर्ष के दौरान प्रबंधन के विभिन्न स्तरों को हटाकर संगठन को चुस्त बनाएंगे। इसी क्रम में हम कई मैनेजरों को व्यक्तिगत तौर पर योगदान करने के लिए कहेंगे।’