facebookmetapixel
चीनी मिलों में पेराई रफ्तार पकड़ने से बढ़ेगा उत्पादन, इंडस्ट्री ने 10 लाख टन अतिरिक्त निर्यात की मांगी अनुमतिसन फार्मा ने भारत में लॉन्च की ब्लॉकबस्टर दवा Ilumya, सोरायसिस के इलाज में मिलेगी बड़ी मददInvestment Picks: 1 महीने में मिल सकता है 18% तक का रिटर्न, ब्रोकरेज ने बताए BUY रेंज और टारगेट्सखुलने से पहले ही ग्रे मार्केट में दहाड़ रहा ये IPO, 3 दिसंबर से हो रहा ओपन; चेक करें डिटेल्सGodrej Properties ने हैदराबाद में खरीदी 5 एकड़ जमीन, डेवलप करेगी ₹4,150 करोड़ का लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्टमसाला बॉन्ड मामला: ED ने केरल CM विजयन और पूर्व मंत्री इसाक को भेजा ₹466 करोड़ का कारण बताओ नोटिसMeesho IPO vs Vidya Wires IPO vs Aequs IPO: 3 दिसंबर से लगा सकेंगे बोली, ग्रे मार्केट में कौन मार रहा बाजी ?नवंबर में भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI फिसलकर 56.6 पर, US टैरिफ का दिखा असरकमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतें घटीं, दिसंबर से ₹10 सस्ता; जेट ईंधन हुआ महंगाGold and Silver price today: चांदी ऑल टाइम हाई पर, सोना फिर 1.30 लाख रुपये के पार

मसाला बॉन्ड मामला: ED ने केरल CM विजयन और पूर्व मंत्री इसाक को भेजा ₹466 करोड़ का कारण बताओ नोटिस

अधिकारियों ने सोमवार को ताया कि यह नोटिस लगभग 10-12 दिन पहले विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत भेजा गया था।

Last Updated- December 01, 2025 | 11:53 AM IST
Masala Bond case
ED का आरोप है कि मसाला बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने में फेमा के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन किया गया। (फाइल फोटो)

Masala Bond Case: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) के मसाला बॉन्ड इश्यू से जुड़े फेमा उल्लंघन मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, पूर्व वित्त मंत्री टी.एम. थॉमस इसाक और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के.एम. अब्राहम को 466 करोड़ रुपये का कारण बताओ (शो-कॉज) नोटिस जारी किया है।

पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह नोटिस लगभग 10-12 दिन पहले विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत भेजा गया था। फेमा नोटिस में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना आवश्यक नहीं होता और इसे आमतौर पर जांच पूरी होने के बाद जारी किया जाता है। यह मामला KIIFB द्वारा मसाला बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने की प्रक्रिया और फेमा मानदंडों के अनुपालन से जुड़ा है।

ED का आरोप है कि मसाला बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने में फेमा के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन किया गया। इसी कारण अब एजेंसी ने मुख्यमंत्री, पूर्व वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है।

KIIFB ने 2019 जारी किया था पहला मसाला बॉन्ड

KIIFB ने 2019 में अपनी 50,000 करोड़ रुपये की फंड जुटाने की योजना के तहत पहला मसाला बॉन्ड जारी किया था, जिसके जरिए 2,150 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। KIIFB राज्य सरकार की प्रमुख एजेंसी है और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण का काम करती है। मसाला बॉन्ड ऐसे बॉन्ड होते हैं जो भारत के बाहर जारी किए जाते हैं, लेकिन इन्हें लोकल करेंसी के बजाय भारतीय रुपये में जारी किया जाता है।

First Published - December 1, 2025 | 11:53 AM IST

संबंधित पोस्ट