सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी एक्सेंचर ने पूरे साल के लिए आय वृद्धि अनुमान घटाकर 1 से 3 फीसदी कर दिया है। पहले उसने 2 से 5 फीसदी वृद्धि का अंदाजा लगाया था। इससे तकनीकी उद्योग में सुधार की उम्मीद को झटका लगा है। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध फर्म द्वारा आय अनुमान घटाते ही नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर आईटी कंपनियों के शेयर 6 फीसदी तक लुढ़क गए।
निफ्टी आईटी सूचकांक में 2 फीसदी की गिरावट आई, जबकि निफ्टी 50 सूचकांक 0.4 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान आईटी सूचकांक करीब 4 फीसदी तक लुढ़क गया था।
एक्सेंचर भारतीय आईटी सेवा कंपनियों की प्रमुख प्रतिस्पर्धी है। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में इसने स्थिर मुद्रा पर 15.8 अरब डॉलर आय अर्जित की थी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग सपाट मगर पिछली तिमाही की तुलना में 2.6 फीसदी कम थी। यह आंकड़ा कंपनी और ब्लूमबर्ग के अनुमान के मुताबिक ही है। मगर एक्सेंचर ने तीसरी तिमाही में कमजोर आय वृद्धि के साथ ही पूरे वित्त वर्ष के लिए आय वद्धि के अनुमान में कटौती की है।
विश्लेषक और उद्योग के भागीदार उम्मीद कर रहे थे कि वित्त वर्ष 2025 में कारोबार की वृद्धि रफ्तार पकड़ेगी, लेकिन एक्सेंचर के आय अनुमान में कटौती से पता चलता है कि कंपनियां अब भी खर्च करने में सतर्कता बरत रहीं हैं। कंपनी की चिंता जायज है क्योंकि एक्सेंचर की सभी तरह की आय में अब 3 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। एक्सेंचर ने पहली छमाही में 2.9 अरब डॉलर के निवेश से 23 कंपनियों का अधिग्रहण किया था।
नोमुरा ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘हम मानते हैं कि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारतीय आईटी कंपनियों के लिए गैर-जरूरी खर्च बढ़ाने की ज्यादा गुंजाइश नहीं है और हमने सतर्क रुख बनाए रखा है। मगर अगले वित्त वर्ष में लार्ज कैप की आय में वित्त वर्ष 2024 की तुलना में सुधार होनी चाहिए।’
एक्सेंचर के प्रबंधन ने कहा कि ग्राहक अब भी वृहद आर्थिक अनिश्चितता से जूझ रहे हैं जिसका असर खर्च पर पड़ रहा है। एक्सेंचर में चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी जूली स्वीट ने नतीजे जारी करने के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा, ‘हमारे ग्राहक भू-राजनीतिक और उद्योग आधारित परिस्थितियों के कारण वृहद आर्थिक अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप ग्राहक उत्पादकता में सुधार के लिए अपनी डिजिटल बुनियाद मजबूत कर रहे हैं और बड़े तथा उचित बदलावों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसलिए वे वृद्धि और निकट अवधि में निवेश पर बेहतर रिटर्न वाली पहलों पर ज्यादा निवेश कर रहे हैं।’
एक्सेंचर के नतीजों से यह भी पता चलता है कि जेनएआई सौदे तो हो रहे हैं मगर उसके बदले अन्य सौदे घट रहे हैं। एक्सेंचर ने घोषणा की कि दूसरी तिमाही के दौरान उसने 60 करोड़ डॉलर से अधिक के जेनएआई सौदे बुक किए हैं और वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल 1.1 अरब डॉलर के सौदे हुए हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के कंवलजीत सलूजा, सतीश कुमार एस और वामशी कृष्ण ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘जनेरेटिव एआई बुकिंग में तेजी का यह मतलब नहीं है कि गैर-जरूरी खर्च बढ़ा है। अन्य गैर-जरूरी खर्चों में कटौती कर जनरेटिव एआई के लिए बजट जुटाया जा रहा है।’
कुछ अन्य मानदंडों में भी नरमी बनी हुई है जिसका असर भारतीय आईटी क्षेत्र पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए उ. अमेरिका में पिछली तिमाही की तुलना में आय सपाट थी और ईएमईए में 2 फीसदी की कमी आई थी। पिछले 2-तीन तिमाहियों में शीर्ष आईटी फर्मों की वृद्धि मुख्य रूप से यूरोपीय बाजारों की बदौलत हुई थी।
अब यह देखना होगा कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में कंपनियों का प्रदर्शन कैसा रहता है। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में एक्सेंचर के वित्तीय सेवा कारोबार की आय 6 फीसदी घटी है। बीएफएसआई सभी शीर्ष आईटी कंपनियों का सबसे बड़ा कारोबार है और बीती दो तिमाहियों में भारतीय आईटी फर्मों सहित अन्य कंपनियों के लिहाज से इस क्षेत्र में नरमी देखी जा रही है।