बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा Paytm Payment Bank पर लिए गए एक्शन का असर अब साफ तौर पर पेटीएम के कारोबार पर दिखने लगा है। हाल में आए आंकड़ों से पता चला है कि यूपीआई की मार्केट में पेटीएम का शेयर गिर गया है। यानी कि लोग यूपीआई ट्रांसैक्शन के लिए पेटीएम को पहले जितना इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
भारतीय नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, फिनटेक में एक जमाने में अग्रणी में से एक आने वाली पेटीएम ऐप की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (OCL) की UPI बाजार हिस्सेदारी गिर गई है। ये हिस्सेदारी मार्च महीने में गिरकर नौ प्रतिशत हो गई, जो कि पिछले चार सालों में इसका सबसे निचला स्तर है।
वहीं फरवरी महीने में जब पेटीएम की सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर रिजर्व बैंक ने कड़े प्रतिबंध लगाए थे उस महीने में ही इसकी बाजार हिस्सेदारी पिछले महीने की तुलना में घटकर 11 प्रतिशत रह गई थी। बता दें, एनपीसीआई अप्रैल 2020 से यूपीआई ऐप्स लेनदेन की मात्रा और मूल्य शेयर कर रहा है। तब से लेकर अब तक ये पेटीएम की सबसे कम बाजार हिस्सेदारी है।
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मोबाइल पेमेंट पर भी असर
वहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर एक्शन के बाद से मोबाइल पेमेंट ऐप की लेनदेन मूल्य बाजार हिस्सेदारी भी गिरावट दर्ज की गई, ये गिरकर 6.7 प्रतिशत हो गई है। ये आंकड़ा भी बीते सालों का सबसे कम है।
2020 और 2021 के दौरान लेनदेन की मात्रा में पेटीएम की बाजार हिस्सेदारी लगभग 11-12 प्रतिशत थी, जिसे कंपनी धीरे-धीरे 13 प्रतिशत तक बढ़ाने में कामयाब रही, जो अब घटकर केवल नौ प्रतिशत रह गई है। 2018 और 2019 के दौरान कंपनी की UPI में लगभग 40 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी।
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हालांकि, इसने वॉलेट पर ध्यान केंद्रित किया, जो बाद में महंगा साबित हुआ, जबकि PhonePe और Google Pay UPI में आगे निकल गए। 15 मार्च से, Paytm अपने प्रतिस्पर्धियों PhonePe और Google Pay की तरह ही एक थर्ज पार्टी एप्लिकेशन के रूप में काम कर रहा है।