सितंबर 2025 में समाप्त तिमाही के दौरान वोडाफोन आइडिया (वी) का समेकित शुद्ध घाटा घटकर 5,584 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही (वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही) में 7,176 करोड़ रुपये था। घाटे में यह कमी उद्योग जगत की मौजूदा चुनौतियों के बावजूद कंपनी के परिचालन में सुधार को दर्शाती है।
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में राजस्व 2.4 फीसदी बढ़कर 11,194.7 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 10,932 करोड़ रुपये था। एबिटा 4,685 करोड़ रुपये रहा, जो 4,550 करोड़ रुपये से अधिक है। वित्त की लागत घटकर 4,784 करोड़ रुपये रह गई, जो पूर्ववर्ती वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,613.6 करोड़ रुपये थी।
वी के मुख्य कार्याधिकारी अभिजित किशोर ने कहा, ‘हम अपना 4जी कवरेज बढ़ाकर 90 फीसदी आबादी तक पहुंचाने और 5जी हैंडसेटों के बढ़ते इस्तेमाल के साथ क्षेत्रों में 5जी उपस्थिति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम 500-550 अरब रुपये की अपनी व्यापक पूंजीगत व्यय योजनाओं को पूरा करने के लिए ऋण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ऋणदाताओं के साथ जुड़े हुए हैं।’
जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 32 प्रतिशत बढ़कर 808 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने बयान में कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 609 करोड़ रुपये था। बयान के अनुसार, समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय 12 प्रतिशत बढ़कर 10,982.46 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले की समान अवधि में 9,823.88 करोड़ रुपये थी। बिक्री मात्रा भी 15 प्रतिशत बढ़कर 6,48,050 टन हो गई, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 5,64,627 टन थी।
रोजमर्रा की जरूरत का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली घरेलू कंपनी इमामी लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में शुद्ध लाभ 29.7 प्रतिशत घटकर 148.35 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि जीएसटी दरों में कटौती की उम्मीद में अस्थायी रूप से बिक्री घटने और कुछ उत्पाद श्रेणियों पर अत्यधिक बारिश के प्रभाव के कारण उसका मुनाफा कम हुआ। कोलकाता स्थित इस कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 210.99 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था।
मझोली श्रेणी की आईटी सेवा कंपनी केपीआईटी का शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही में 17 प्रतिशत घटकर 169 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले इसी तिमाही में उसे 203.7 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। मुनाफे में यह गिरावट संयुक्त उद्यम में लगभग 23 करोड़ रुपये के नुकसान के कारण हुई। परिचालन राजस्व लगभग 8 प्रतिशत बढ़कर 1,587.7 करोड़ रुपये हो गया। इसे संबंद्ध, स्वचालित वाणिज्यिक वाहनों और यूरोपीय बाजार में वृद्धि से मदद मिली जिससे लंबे समय की नरमी के बाद सुधार का संकेत मिलता है।
हाउसिंग ऐंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (हडको) ने सोमवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में उसका शुद्ध लाभ तीन प्रतिशत बढ़कर 710 करोड़ रुपये हो गया। सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने एक साल पहले इसी अवधि में 689 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। हुडको ने शेयर बाजार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी की कुल आय सालाना आधार पर 2,526 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,251 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी ने दूसरी तिमाही में 3,197 करोड़ रुपये की ब्याज आय अर्जित की, जो एक साल पहले 1,844 करोड़ रुपये थी।
बिजली उत्पादक कंपनी एसजेवीएन लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत घटकर 307.80 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी। एक साल पहले 2024-25 की इसी तिमाही में कंपनी को 439.90 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में शुद्ध लाभ कई गुना होकर 9.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी का पिछले वर्ष की इसी तिमाही में शुद्ध लाभ 1.6 करोड़ रुपये था। जुलाई-सितंबर तिमाही में उसकी कुल आय 115.3 करोड़ रुपये रही।
बजाज फाइनैंस ने सोमवार को बताया कि जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका शुद्ध लाभ एकल आधार पर 24 फीसदी घटकर 4,251 करोड़ रुपये रह गया। इसका कारण कर्ज के नुकसान को लेकर ज्यादा प्रावधान था।
इसके अतिरिक्त, पिछले वर्ष की इसी अवधि में वित्तीय कंपनी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में बजाज हाउसिंग फाइनैंस के इक्विटी शेयरों की बिक्री के कारण 2,544 करोड़ रुपये का असाधारण लाभ दर्ज किया था। एकीकृत आधार पर बजाज फाइनैंस का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 23 फीसदी बढ़कर 4,948 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस तिमाही में इसकी शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) सालाना आधार पर 21 फीसदी बढ़कर 9,275 करोड़ रुपये रही, क्योंकि ऋणदाता द्वारा दिए नए ऋणों की संख्या वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 26 फीसदी बढ़कर 1.2 करोड़ से अधिक हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 95.9 लाख रही थी।