डेनमार्क की दवा बनाने वाली नोवो नॉर्डिस्क ने भारत में एम्क्योर फार्मास्यूटिकल्स के साथ साझेदारी की है। कंपनी ने यह साझेदारी भारत में वजन घटाने वाली दवा वीगोवी के एक अलग ब्रांड के तौर पर बेचे जाने वाले 2.4 मिलीग्राम (एमजी) सेमाग्लूटाइड इंजेक्शन पोविजट्रा के व्यवसायीकरण के वास्ते की है।
इस समझौते के तहत एम्क्योर खासतौर पर पोविजट्रा का वितरण और विपणन करेगी, जिससे सेमीग्लूटाइड इंजेक्शन के अधिकार हासिल करने वाली यह पहली भारतीय कंपनी बन जाएगी। सेमाग्लूटाइड एक ग्लूकागन जैसा पेप्टाइड-1 (जीएलपी-1) रिसेप्टर एगोनिस्ट और वेगोवी का सक्रिय घटक है, जो पहले से भरे इंजेक्शन पेन के जरिये सप्ताह में एक बार दिया जाता है। इसे लंबे समय तक वजन कम करने के लिए आहार और व्यायाम के सहायक के रूप में मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, यह मोटापे और हृदय रोगियों में प्रमुख हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है।
यह साझेदारी वीगोवी के भारत में पेश होने के पांच महीने के बाद की गई है और नोवो नॉर्डिस्क के महानगरों और प्रीमियम क्लीनिकों से परे पहुंच का विस्तार करने के प्रयास को दर्शाती है। नोवो नॉर्डिस्क के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जय त्यागराजन ने मोटापे को देश भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर और पुरानी बीमारी बताया। उन्होंने कहा कि कि यह गठजोड़ कंपनी के जीएलपी-1 उपचारों में नवाचार को एमक्योर की वितरण क्षमता के साथ जोड़ता है ताकि अधिक रोगियों तक पहुंचा जा सके।
कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘यह सहयोग वजन घटाने के लिए सेमाग्लूटाइड के वितरण और विपणन को मजबूत करेगा।’ मगर कंपनियों ने मूल्य निर्धारण का खुलासा नहीं किया, लेकिन मामले की जानकारी रखने वाले लोगों कहा कि पोविजट्रा की कीमत प्रतिस्पर्धी होगी। भारत में 2.4 मिलीग्राम वीगोवी की एक महीने की खुराक की कीमत फिलहाल 26,015 रुपये है। अधिकारियों ने कहा कि इसके जल्द ही पेश होने की उम्मीद है।
यह सौदा इलाई लिली द्वारा अपनी वजन घटाने वाली दवा मॉनजारो के लिए सिप्ला के साथ इसी तरह की साझेदारी करने के कुछ दिनों बाद हुआ है। इस वर्ष मार्च में पेश होने के बाद से मॉनजारो ने 333 करोड़ रुपये की संचयी बिक्री दर्ज की है, जबकि वीगोवी लगातार बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही है।
अगले साल यानी 2026 की शुरुआत में सेमाग्लूटाइड की विशिष्टता समाप्त होने के बाद नोवो नॉर्डिस्क जेनेरिक प्रविष्टियों का मुकाबला कैसे करेगी इस पर नोवो नॉर्डिस्क इंडिया के प्रबंध निदेशक विक्रांत श्रोतिया ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि मोटापा स्वास्थ्य के लिहाज से सबसे बड़ी चुनौती है, जिसके लिए कई खिलाड़ियों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘हम भारतीय बाजार में विशिष्टता (एलओई) के नुकसान के बाद आने वाले किसी भी खिलाड़ी का स्वागत करते हैं क्योंकि यह समस्या इतनी बड़ी है कि इसे एक खिलाड़ी द्वारा हल नहीं किया जा सकता।’
अध्ययनों का अनुमान है कि भारत में सामान्यीकृत या पेट संबंधी मोटापे से ग्रस्त 60 करोड़ से ज्यादा लोग हैं। आपूर्ति के लिहाज से एमक्योर फार्मा के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक सतीश मेहता ने कहा कि भारत के भौगोलिक परिदृश्य की कंपनी की गहरी समझ और स्थापित विपणन नेटवर्क उन रोगियों तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करेगा जिन्हें इस चिकित्सा की सबसे ज्यादा जरूरत है।