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ONGC तेल और गैस उत्पादन में गिरावट के रुख को पलटने के लिए सात अरब डॉलर का निवेश करेगी

कंपनी 24 क्षेत्रों के विकास और तेल प्राप्ति को और बेहतर बनाने की परियोजनाओं पर काम कर रही है। इससे भी तेल एवं गैस उत्पादन में गिरावट के रुख को पलटने में मदद मिलेगी।

Last Updated- April 04, 2023 | 5:17 PM IST
ONGC to import ethane to make up for changed Qatar LNG composition
Shutter Stock

सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) अगले तीन-चार साल में सात अरब डॉलर का निवेश करेगी। इस निवेश का उद्देश्य तेल और गैस उत्पादन में कई साल आ रहे गिरावट के रुख को पलटना है। कंपनी के निदेशक (उत्पादन) पंकज कुमार ने यह बात कही।

कंपनी 24 क्षेत्रों के विकास और तेल प्राप्ति को और बेहतर बनाने की परियोजनाओं पर काम कर रही है। इससे भी तेल एवं गैस उत्पादन में गिरावट के रुख को पलटने में मदद मिलेगी। कुमार ने कहा, ‘हमारे ज्यादातर उत्पादक क्षेत्र पुराने हैं। इन क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उत्पादन घटा है। लेकिन हम ईंधन प्राप्ति को बेहतर बनाने के साथ अलग-थलग पड़े क्षेत्रों के बेहतर उपयोग को लेकर प्रौद्योगिकी में काफी निवेश कर रहे हैं।’

कंपनी देश के पूर्वी तटीय क्षेत्र में कृष्णा गोदावरी बेसिन में केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 के संकुल-दो के विकास में पांच अरब डॉलर से अधिक निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि ONGC पश्चिमी तट पर कई क्षेत्रों के विकास पर काम कर रही है। इसमें मुंबई हाई के पुनर्विकास के पांचवें चरण के साथ-साथ दमन जैसे पड़ोसी क्षेत्रों के विकास योजना भी शामिल है।

इन परियोजनाओं में अगले तीन से चार साल में 60,000 करोड़ रुपये (सात अरब डॉलर से अधिक) का निवेश किया जाएगा। कुमार ने कहा, ‘हम तेल प्राप्ति को बढ़ाने और उसमें सुधार लाने की परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं। मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में हम पांच साल बाद उत्पादन में गिरावट को रोकने में कामयाब रहे और चालू वित्त वर्ष से हम उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।’

यह भी पढ़ें : कच्चे तेल का उत्पादन घटने से बाजार चिं​तित, वैश्विकअर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है असर

ONGC का एकल आधार पर उत्पादन 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 में 1.96 करोड़ टन रहा, जो चालू वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 2.12 करोड़ टन होने का अनुमान है। वहीं प्राकृतिक गैस का उत्पादन 2023-24 में बढ़कर 23 से 23.5 अरब घनमीटर रहने का अनुमान है जो 2022-23 में 20.6 अरब घनमीटर था।

भारत कच्चे तेल की कुल जरूरत का 85 फीसदी और प्राकृतिक गैस का करीब 50 फीसदी आयात करता है। कुमार ने कहा कि पूर्वी तट पर कंपनी तेल एवं गैस खोज क्षेत्रों का विकास कर रही है। इसे संकुल-दो कहा जाता है। इस क्षेत्र से उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है और चरणबद्ध तरीके से इसे बढ़ाया जाएगा। इस परियोजना से प्रतिदिन 1.2 करोड़ घनमीटर गैस और 45,000 बैरल तेल के योगदान की उम्मीद है। ONGC क्षेत्र में संकुल-एक परियोजना के विकास पर भी विचार कर रही है।

First Published - April 4, 2023 | 5:16 PM IST

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