आईआईएफएल फाइनैंस के संस्थापक और प्रबंध निदेशक निर्मल जैन ने अनुप्रेक्षा जैन और सुब्रत पांडा के साथ बातचीत में कहा कि आईआईएफएल फाइनैंस पर भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतिबंध ऋणदाता के लिए एक ‘चेतावनी’ थी। बैंक ने अनुपालन, प्रशासन और नियंत्रण ढांचे को बेहतर बनाने के लिए इस अवसर का उपयोग किया। उन्होंने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) के लिए ऋणदाता की रणनीतियों और वृद्धि योजनाओं को भी साझा किया। संपादित अंश:
आईआईएफएल समूह के इतिहास में वित्त वर्ष 2025 असाधारण था। एक ऐसा साल, जिसने हमारी दृढ़ता की परीक्षा ली, लेकिन अंततः हमें और मजबूत बनाया। हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें सबसे महत्त्वपूर्ण मार्च 2024 में हमारे गोल्ड लोन व्यवसाय पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लगाया गया प्रतिबंध शामिल है। हालांकि यह प्रतिबंध अप्रत्याशित था, लेकिन हमने नियामक टिप्पणियों को पूरी गंभीरता से स्वीकार किया।
हमने रिजर्व बैंक के प्रतिबंध को एक चेतावनी और अनुपालन, प्रशासन और नियंत्रण ढांचे को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में लिया। तेज वृद्धि वाले वाले उद्यमशील व्यवस्था में यह असामान्य नहीं है कि कारोबार के तेज विस्तार में अनुपालन और सिस्टम पीछे छूट जाते हैं। खासकर ऐसी स्थिति में, जब परिचालन के स्तर से फीडबैक अक्सर शीर्ष तक नहीं पहुंचता। इससे निपटने के लिए हमने गंभीरता से काम किया है।
हमने शाखा के स्तर से वरिष्ठ प्रबंधन एवं बोर्ड तक प्रतिक्रिया पहुंचाने के मजबूत तंत्र स्थापित किए हैं। ऑडिट संबंधी ऑब्जर्वेशन और अनुपालन संबंधी अपवादों को औपचारिक एमआईएस चैनलों के माध्यम से बोर्ड तक पहुंचाने का प्रबंध किया गया है। मौजूदा व्यवस्था को सख्त करते हुए नए अनुपालन ट्रैकिंग टूल लगातर तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्टर को मजबूत किया गया है और मौजूदा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
हमने अनुपालन व आंतरिक ऑडिट टीमों को मबजूत किया है। केपीएमजी को स्वतंत्र अनुपालन ऑडिट के लिए नियुक्त किया गया है। रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए रह मुद्दों के कारणों का गहन विश्लेषण किया गया और अनुपालन निगरानी को संस्थागत रूप दिया गया है। बोर्ड ने जोर दिया है कि ऐसा दोबारा न होने पाए और संगठन के भीतर अनुपालन की संस्कृति बने।
हमारी ऋण वृद्धि दर पहले के स्तर पर नहीं आई है। पहले के स्तर या शीर्ष स्तर से हम 10 प्रतिशत या थोड़े नीचे हैं। बहरहाल संदेश बहुत साफ है कि अनुपालन जोखिम या ऑडिट जरूरतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता। वृद्धि के लिए किसी चीज से समझौता नहीं किया जा सकता।
उम्मीद है कि 3 साल में एयूएमल 15 से 20 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ेगा। गोल्ड लोन अब पिछले साल के प्रतिबंध से उबर रहा है। एमएसएमई ऋण छोटे से आधार से अब तेजी से बढ़ रहा है। यह वृद्धि में चालक बनेगा। हमने बिजनेस में गुणवत्ता, पैमाने व लाभप्रदता के साथ संतुलित पोर्टफोलियो बनाए रखने का लक्ष्य रखा है।
इस समय समूह के स्तर पर इक्विटी फंड जुटाने की कोई योजना नहीं है। हम समूह की सभी कंपनियों की पूंजी पर्याप्तता की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और बोर्ड के स्तर पर रणनीति पर चर्चा करेंगे और मार्गदर्शन लेंगे। आईआईएफएल समस्ता के लिए हम अपनी दायित्वपूर्ण ऋण देने के दर्शन के अनुरूप, अपने पूंजी आधार को मजबूत करने, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को लाने और दीर्घकालिक विकास को गति देने के लिए एक रणनीतिक निवेशक की भागीदारी के विकल्प खुले रखे हैं।
एनसीडजी, सिक्योरिटाइजेशन और सावधि ऋण के माध्यम से हम घरेलू बाजार से 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की ओर बढ़ रहे हैं। हम विदेशी मुद्रा ऋण, डीएफआई व डॉलर बॉन्ड से 10 से 15 करोड़ डॉलर जुटाने पर विचार कर रहे हैं। यह बाजार व लागत पर निर्भर होगा।
हमाराआधार अभी भी वित्त वर्ष 2024 से कम है। फिलहाल हम अपने पुराने ग्राहकों को वापस लाने पर काम करने जा रहे हैं। अगर आप प्रति शाखा के हिसाब से हमारा गोल्ड लोन देखें तो यह मुथूट फाइनैंस से बहुत कम है। इस स्तर पर हम न नफा, न नुकसान की स्थिति में या किसी लाभ की स्थिति में नहीं आ सकते।