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वृद्धि के लिए ऑडिट और नियमों में कोई समझौता नहीं होगा: निर्मल जैन, IIFL फाइनेंस

आरबीआई के नियमों से सीख लेकर कंपनी ने अपने कामकाज को मजबूत किया, आगे संतुलित तरीके से बढ़ने की योजना बनाई

Last Updated- May 26, 2025 | 7:21 AM IST
Nimal Jain, Founder and Managing Director, IIFL Finance

आईआईएफएल फाइनैंस के संस्थापक और प्रबंध निदेशक निर्मल जैन ने अनुप्रेक्षा जैन और सुब्रत पांडा के साथ बातचीत में कहा कि आईआईएफएल फाइनैंस पर भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतिबंध ऋणदाता के लिए एक ‘चेतावनी’ थी। बैंक ने अनुपालन, प्रशासन और नियंत्रण ढांचे को बेहतर बनाने के लिए इस अवसर का उपयोग किया। उन्होंने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) के लिए ऋणदाता की रणनीतियों और वृद्धि योजनाओं को भी साझा किया। संपादित अंश:

वित्त वर्ष 2025 आईआईएफएल के लिए एक उथल-पुथल भरा वर्ष था…

आईआईएफएल समूह के इतिहास में वित्त वर्ष 2025 असाधारण था। एक ऐसा साल, जिसने हमारी दृढ़ता की परीक्षा ली, लेकिन अंततः हमें और मजबूत बनाया। हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें सबसे महत्त्वपूर्ण मार्च 2024 में हमारे गोल्ड लोन व्यवसाय पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लगाया गया प्रतिबंध शामिल है। हालांकि यह प्रतिबंध अप्रत्याशित था, लेकिन हमने नियामक टिप्पणियों को पूरी गंभीरता से स्वीकार किया।

हमने रिजर्व बैंक के प्रतिबंध को एक चेतावनी और अनुपालन, प्रशासन और नियंत्रण ढांचे को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में लिया। तेज वृद्धि वाले वाले उद्यमशील व्यवस्था में यह असामान्य नहीं है कि कारोबार के तेज विस्तार में अनुपालन और सिस्टम पीछे छूट जाते हैं। खासकर ऐसी स्थिति में, जब परिचालन के स्तर से फीडबैक अक्सर शीर्ष तक नहीं पहुंचता। इससे निपटने के लिए हमने गंभीरता से काम किया है।

रिजर्व बैंक के प्रतिबंध के बाद क्या बदलाव हुआ?

हमने शाखा के स्तर से वरिष्ठ प्रबंधन एवं बोर्ड तक प्रतिक्रिया पहुंचाने के मजबूत तंत्र स्थापित किए हैं। ऑडिट संबंधी ऑब्जर्वेशन और अनुपालन संबंधी अपवादों को औपचारिक एमआईएस चैनलों के माध्यम से बोर्ड तक पहुंचाने का प्रबंध किया गया है। मौजूदा व्यवस्था को सख्त करते हुए नए अनुपालन ट्रैकिंग टूल लगातर तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्टर को मजबूत किया गया है और मौजूदा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।

हमने अनुपालन व आंतरिक ऑडिट टीमों को मबजूत किया है। केपीएमजी को स्वतंत्र अनुपालन ऑडिट के लिए नियुक्त किया गया है। रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए रह मुद्दों के कारणों का गहन विश्लेषण किया गया और अनुपालन निगरानी को संस्थागत रूप दिया गया है। बोर्ड ने जोर दिया है कि ऐसा दोबारा न होने पाए और संगठन के भीतर अनुपालन की संस्कृति बने।

वृद्धि की रणनीति में कोई बदलाव किया गया है?

हमारी ऋण वृद्धि दर पहले के स्तर पर नहीं आई है। पहले के स्तर या शीर्ष स्तर से हम 10 प्रतिशत या थोड़े नीचे हैं। बहरहाल संदेश बहुत साफ है कि अनुपालन जोखिम या ऑडिट जरूरतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता। वृद्धि के लिए किसी चीज से समझौता नहीं किया जा सकता।

आईआईएफएल फाइनैंस के लिए अगले 3 वर्षों का एयूएम लक्ष्य क्या है?

उम्मीद है कि 3 साल में एयूएमल 15 से 20 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ेगा। गोल्ड लोन अब पिछले साल के प्रतिबंध से उबर रहा है। एमएसएमई ऋण छोटे से आधार से अब तेजी से बढ़ रहा है। यह वृद्धि में चालक बनेगा। हमने बिजनेस में गुणवत्ता, पैमाने व लाभप्रदता के साथ संतुलित पोर्टफोलियो बनाए रखने का लक्ष्य रखा है।

क्या कंपनी वित्त वर्ष 2026 में इक्विटी फंड जुटाने की योजना बना रही है?

इस समय समूह के स्तर पर इक्विटी फंड जुटाने की कोई योजना नहीं है। हम समूह की सभी कंपनियों की पूंजी पर्याप्तता की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और बोर्ड के स्तर पर रणनीति पर चर्चा करेंगे और मार्गदर्शन लेंगे। आईआईएफएल समस्ता के लिए हम अपनी दायित्वपूर्ण ऋण देने के दर्शन के अनुरूप, अपने पूंजी आधार को मजबूत करने, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को लाने और दीर्घकालिक विकास को गति देने के लिए एक रणनीतिक निवेशक की भागीदारी के विकल्प खुले रखे हैं।

घरेलू बाजार, विदेशी बाजार और डीएफआई से कितना धन जुटाने पर विचार कर रही है?

एनसीडजी, सिक्योरिटाइजेशन और सावधि ऋण के माध्यम से हम घरेलू बाजार से 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की ओर बढ़ रहे हैं। हम विदेशी मुद्रा ऋण, डीएफआई व डॉलर बॉन्ड से 10 से 15 करोड़ डॉलर जुटाने पर विचार कर रहे हैं। यह बाजार व लागत पर निर्भर होगा।

वित्त वर्ष 2026 के लिए आपका गोल्ड लोन का अनुमान थोड़ा आक्रामक है?

हमाराआधार अभी भी वित्त वर्ष 2024 से कम है। फिलहाल हम अपने पुराने ग्राहकों को वापस लाने पर काम करने जा रहे हैं। अगर आप प्रति शाखा के हिसाब से हमारा गोल्ड लोन देखें तो यह मुथूट फाइनैंस से बहुत कम है। इस स्तर पर हम न नफा, न नुकसान की स्थिति में या किसी लाभ की स्थिति में नहीं आ सकते।

First Published - May 26, 2025 | 7:21 AM IST

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