Maruti Suzuki Q2 Results: यात्री कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी का समेकित शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 18.1 फीसदी घटकर 3,102.5 करोड़ रुपये रहा।
मुनाफे को मुख्य तौर पर डेट म्युचुअल फंड के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ के खत्म होने के कारण पिछले कर की अदायगी इसी तिमाही में किए जाने से मुनाफे पर असर पड़ा। इसके अलावा छोटी कारों की लगातार घट रही मांग और शहरी क्षेत्रों में बिक्री की रफ्तार सुस्त पड़ने से भी मुनाफे को झटका लगा।
मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा, ‘इस साल वाहन उद्योग कुछ हद तक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। उद्योग की वृद्धि पिछले वर्षों के मुकाबले सुस्त रही है और यह स्थिति इस तथ्य के बावजूद दिख रही है कि सेमीकंडक्टर की कोई कमी नहीं है अथवा कोविड-19 का कोई प्रभाव नहीं है। केवल कारों की मांग सुस्त पड़ गई है।’
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में मारुति सुजूकी का आस्थगित कर 1,017.7 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह रकम महज 83 करोड़ रुपये रही थी।
भार्गव ने कहा, ‘हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। हमारी लाभप्रदता बहुत अच्छी है। हमारा कुल कारोबार अब तक का सर्वाधिक रहा है। अंतिम कर पश्चात लाभ पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है और ऐसा मुख्य तौर पर केंद्रीय बजट में इंडेक्सेशन लाभ के संदर्भ में किए गए बदलावों के कारण हुआ है। वह दीर्घकालिक डेट म्युचुअल फंड के लिए उपलब्ध था, मगर अब उसे हटा दिया गया है।’
भार्गव ने कहा, ‘इसलिए हमें 800 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा है जो वास्तविक खर्च नहीं है। इससे हमारा कर पूर्व लाभ बढ़ने के बावजूद कर पश्चात लाभ कम हो गया।’ मारुति सुजूकी का कर पूर्व लाभ 5,140.6 करोड़ रुपये रहा जो 5.1 फीसदी है।
मारुति सुजूकी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) पार्थ बनर्जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कारों की मांग मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण बाजार काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। पहली छमाही के दौरान ग्रामीण बाजार की वृद्धि करीब 8 फीसदी रही। मगर चुनावों और मॉनसून के कारण शहरी क्षेत्रों में बिक्री करीब 3 फीसदी घट गई। शहरी बाजार काफी दबाव में है।’
भार्गव ने कहा कि 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की मांग घट रही है और यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा, ‘जब तक बाजार के निचले हिस्से में वृद्धि नहीं दिखेगी, तब तक ऊपरी बाजार को रफ्तार नहीं मिलेगी।’मारुति सुजूकी के चेयरमैन ने कहा कि 2018-19 में भारत में बिकने वाली लगभग 80 फीसदी कार 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली थीं। उन्होंने कहा, ‘अब उस श्रेणी में वृद्धि नहीं दिख रही है। यह चिंता की बात है।’
भार्गव ने कहा कि लोगों को प्रवेश स्तर की कारें खरीदना सस्ता नहीं लग रहा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या प्रवेश स्तर की कारों पर कर में कटौती किए जाने से मदद मिलेगी, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्या जरूरी है। मगर लोगों के पास खर्च करने लायक आय होनी चाहिए।’
भारतीय वाहन उद्योग को त्योहारी सीजन के बाद बिक्री में कोई बड़ी उछाल आने की उम्मीद नहीं है। इसलिए उद्योग को पूरे वित्त वर्ष 2025 के लिए मात्रात्मक बिक्री में 3 से 4 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 में मारुति की वृद्धि उद्योग के मुताबिक ही रहेगी।’ पहली छमाही में कंपनी की थोक बिक्री 10.63 लाख वाहन रही जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 1.3 फीसदी अधिक है। भार्गव ने कहा कि डीलरों के पास अनबिके वाहनों के ऊंचे स्टॉक को कम करने के लिए मारुति ने हाल में उत्पादन घटाया है।
बनर्जी ने कहा कि डीलरों के पास अब करीब 30 दिनों की बिक्री के लायक स्टॉक उपलब्ध है जो पहले के मुकाबले काफी कम है।
उन्होंने कहा, ‘कुछ मॉडलों के लिए स्टॉक का स्तर 40 से 45 दिनों की बिक्री के लायक है। तीसरी तिमाही के दौरान इसमें कमी आएगी।’ श्राद्ध पक्ष के बाद दीवाली तक चलने वाले त्योहारी सीजन में मात्रात्मक बिक्री में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 14 फीसदी की वृद्धि हुई।
भार्गव ने कहा, ‘फिलहाल ऑर्डर बुक काफी दमदार है। अब यह देखना बाकी है कि त्योहारी सीजन के बाद स्थिति कैसी रहेगी।’