सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अदाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) में अपने निदेशक मंडल द्वारा तय 300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश नहीं लगाएगी। एलआईसी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों पर सफाई मांगने के लिए अदाणी के प्रबंधन से बात करने की योजना भी बना रही है।
एलआईसी के प्रबंध निदेशक राज कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि बोर्ड ने अदाणी के एफपीओ में एंकर निवेशक के तौर पर 300 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा, ‘बोर्ड से मंजूरी मिलने पर ही एफपीओ में निवेश किया गया है। हमने एंकर निवेशक के तौर पर एफपीओ में 300 करोड़ रुपये लगाए हैं। फिलहाल बोर्ड ने इस एफपीओ में संस्थागत निवेशक के तौर निवेश करने के लिए नहीं कहा है।’
राज कुमार ने कहा कि एलआईसी अमेरिकी अनुसंधान फर्म के आरोपों पर अदाणी समूह के जवाब का अध्ययन कर रही है। इस पर सफाई मांगने के लिए वह अदाणी के प्रबंधन से बातचीत भी करेगी। अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों का रविवार देर शाम विस्तार से जवाब दिया।
एलआईसी के एमडी ने कहा, ‘हम स्थिति पर नजर रखेंगे और अदाणी समूह का जवाब पढ़ने के बाद प्रबंधन से सफाई मांगेंगे। एलआईसी ही नहीं, दूसरे निवेशक भी उनसे बात करने की कोशिश करेंगे। हम उनके प्रबंधन का नजरिया समझने के लिए बातचीत जरूर करेंगे। फिलहाल हम अदाणी समूह के जवाब का अध्ययन कर रहे हैं।’
अदाणी समूह ने रविवार को अपने जवाब में हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को बेबुनियाद और भारत की वृद्धि गाथा पर सुनियोजित हमला बताते हुए कहा कि आरोप ‘झूठ के सिवाय कुछ नहीं’ हैं। इस रिपोर्ट के कारण शुक्रवार को अदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई जिससे एलआईसी सहित विभिन्न निवेशकों को भारी नुकसान हुआ था।
एलआईसी ने आज एक बयान में कहा कि उसने डेट एवं इक्विटी के जरिये अदाणी समूह में फिलहाल 36,474.78 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एलआईसी ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में उसने अदाणी समूह की कंपनियों में कुल 30,127 करोड़ रुपये लगाए हैं और इस साल 27 जनवरी को बाजार बंद होने के समय निवेश की कुल कीमत 56,142 करोड़ रुपये हो गई थी।
अदाणी समूह में एलआईसी का निवेश उसकी कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) का महज 0.975 फीसदी है। सितंबर तिमाही तक एलआईसी का एयूएम 41.66 लाख करोड़ रुपये था। एलआईसी ने अपने बयान में स्पष्ट तौर पर कहा है, ‘ध्यान रहे कि एलआईसी ने अदाणी की जिन प्रतिभूतियों में निवेश किया है, उन सभी की क्रेडिट रेटिंग एए और उससे ऊपर है। यह जीवन बीमा कंपनियों पर लागू आईआरडीएआई के निवेश संबंधी नियमों के हिसाब से ही है।’
कुमार ने कहा, ‘शेयर में गिरावट के बावजूद उसमें निवेश से एलआईसी को 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा हुआ है। बाजार में रोजाना उतार-चढ़ाव होता रहता है। चूंकि हम लंबी अवधि के निवेशक हैं और इसलिए लंबे अरसे में होने वाले फायदे की सोचकर ही निवेश करते हैं।’
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कुमार ने कहा कि एलआईसी बीएसई 500 अथवा निफ्टी 500 में शामिल कंपनियों में ही निवेश करती है। उसके पास जोखिम के आकलन की अपनी व्यवस्था है, जिसे इक्विटी इवैल्यूएशन मैट्रिक्स कहते हैं। इसमें अधिकतम 90 अंक हैं और 50 से कम अंक हासिल करने वाली कंपनियों में एलआईसी निवेश नहीं करती। जहां तक एलआईसी की देनदारी का सवाल है तो उसके पास सभी पॉलिसियों के निपटारे के लिए पर्याप्त संपत्ति है।