इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की प्रमुख कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (L&T) ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण के लिए लंबे समय के अटकी परियोजना के लिए सबसे छोटी बोली लगाई है। L&T की बोली 8,740 करोड़ रुपये की है मगर बिज़नेस स्टैंडर्ड को पता चला है कि यह बोली केंद्र के अनुमान से करीब 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है।
सूत्रों के अनुसार शापूरजी पलोनजी समूह भी इस परियोजना के लिए होड़ में था मगर उसने लगभग 9,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई। खबर लिखे जाने तक रेल मंत्रालय ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया था।
परियोजना के तहत केंद्र सरकार ने सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले इस रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने की योजना तैयार की है ताकि यात्रियों की आवाजाही सुगम बनाई जा सके और व्यावसायिक संभावनाएं तलाशी जा सकें। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले साल 28 सितंबर को तीन प्रमुख स्टेशनों- नई दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटी) के पुनर्विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी।
यह परियोजना इंजीनियरिंग खरीद एवं निर्माण (EPC) मॉडल पर चलेगी और तीन साल के भीतर इसके पूरा होने की उम्मीद है। इसके तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के 16 प्लेटफॉर्मों का नवीनीकरण तीन चरणों में किया जाएगा।
लंबे समय से अटकी थी परियोजना
राष्ट्रीय राजधानी के इस रेलवे स्टेशन के बुनियादी ढ़ांचे का नवीनीकरण दशकों से अटका पड़ा था। इसके लिए पिछली कई सरकारों ने प्रयास किए, लेकिन परियोजना आगे नहीं बढ़ाई जा सकी। यह परियोजना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास रिहायशी परिसरों, स्मारकों, संरक्षित विरासत स्थलों, हाई-सिक्योरिटी क्षेत्र और नियामकीय बाधाओं के जाल में फंस गई थी।
रेलवे स्टेशन के प्रस्तावित नवीनीकरण का मकसद आसपास की सड़कों पर भीड़भाड़ से निपटना, आवागमन के कई माध्यमो को एक साथ जोड़ना, दिव्यांगों के लिए स्टेशन तक पहुंचना पहले से आसान करना और यात्रियों की आवाजाही सुगम बनाना है। इस परियोजना के तहत बसंत रोड, चेम्सफोर्ड रोड और मिंटो रोड जैसी सड़कों को चौड़ा किया जाएगा।
कनॉट प्लेस क्षेत्र से भीड़-भाड़ कम करने के लिए 23 लेन किलोमीटर की एक सड़क भी बनाने की योजना है। स्टेशन परिसर में रूफ-टॉप प्लाजा के साथ 40 मंजिला ट्विन टावर्स के निर्माण की भी योजना बनाई गई है।
रेल अनुभव भी होगा आधुनिक
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार यह परियोजना रेल अनुभव को आधुनिक बनाने की दिशा में पहला कदम होगी। यहां बनने वाले प्लाजा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे। प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल पश्चिमी देशों की तरह केवल ट्रेन में चढ़ने और उतरने के लिए किया जाएगा।
इसके ट्विन टॉवर्स का इस्तेमाल दफ्तरों, होटलों और दुकानों आदि के लिए होने की उम्मीद है। यहां मल्टी-लेवल कार पार्किंग और मल्टी-मोडल टर्मिनल भी बनाए जाएंगे। इस परियोजना के लिए पहले सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत बोली मंगाई गई थी। किंतु हाल में सरकार का नजरिये तब बदला हुआ दिखा, जब वैष्णव ने ऐलान किया कि केंद्र अपने खजाने से ही पूरी रकम देगा।
विशेषज्ञों और यात्रियों ने कहा कि स्टेशन की अभी जो हालत है, उसमें वह रोजाना करीब 4.5 लाख मुसाफिरों की आवाजाही संभालने के लिए तैयार नहीं है। इसीलिए इसके नवीनीकरण की बहुत जरूरत है। सीएसटी और अहमदाबाद स्टेशनों के लिए भी बोलियां जल्द खुलने की उम्मीद है।