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JSW Steel ने रचा नया कीर्तिमान! बनी दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी, आर्सेलर मित्तल और न्यूकॉर को छोड़ा पीछे

जेएसडब्ल्यू स्टील उद्योग जगत की दिग्गज कंपनियों आर्सेलर मित्तल (27.14 अरब डॉलर) और अमेरिका की न्यूकॉर कॉर्प (29.4 अरब डॉलर) से आगे निकल गई है।

Last Updated- March 25, 2025 | 10:30 PM IST
JSW Steel will invest big in Australian company, emphasis on increasing the security of raw materials ऑस्ट्रेलियाई कंपनी में बड़ा निवेश करेगी JSW स्टील, कच्चे माल की सुरक्षा बढ़ाने पर जोर

सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील दुनिया की सबसे मूल्यवान स्टील उत्पादक कंपनी बन गई है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार कंपनी का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) बढ़कर करीब 30.31 अरब डॉलर पहुंच गया है। इस उपलब्धि के साथ भारत की जेएसडब्ल्यू स्टील उद्योग जगत की दिग्गज कंपनियों आर्सेलर मित्तल (27.14 अरब डॉलर) और अमेरिका की न्यूकॉर कॉर्प (29.4 अरब डॉलर) से आगे निकल गई है।

एमकैप में जेएसडब्ल्यू स्टील ने भले ही बढ़त बनाई हो मगर आय के लिहाज से आर्सेलरमित्तल उससे काफी आगे है। पिछले 12 महीनों में आर्सेलरमित्तल की आय 62.4 अरब डॉलर रही जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील ने 21.1 अरब डॉलर की आय दर्ज की। मूल्यांकन मापदंड में असमानता चौंकाने वाली है, जेएसडब्ल्यू स्टील 28.5 गुना प्राइस-टु-अर्निंग (पीई) पर कारोबार कर रहा है, जो आर्सेलरमित्तल के 20.3 गुना पीई से काफी अधिक है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार 1907 में स्थापित टाटा संस की इकाई टाटा स्टील 23 अरब डॉलर के साथ बाजार पूंजीकरण में पांचवें स्थान पर है। 

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि रैंकिंग में यह बदलाव वैश्विक इस्पात उद्योग की उभरती गतिशीलता को दर्शाता है, जहां भारतीय उत्पादक तेजी से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जेएसडब्ल्यू सीमेंट और जेएसडब्ल्यू पेंट्स के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल ने एक्स पर लिखा, ‘यह साझा करते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि जेएसडब्ल्यू स्टील बाजार पूंजीकरण के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी बन गई है, पापा @sajjanjindal, मां @SangitaSJindal और @TheJSWGroup परिवार द्वारा की गई कड़ी मेहनत पर हमें गर्व है, हम बहुत आभारी हैं और यहीं नहीं रुकेंगे।’

पिछले तीन दशक में जेएसडब्ल्यू स्टील कर्नाटक में एक विनिर्माण इकाई से भारत की सबसे बड़ी एकीकृत स्टील उत्पादक कंपनी बन गई है। कंपनी की भारत और अमेरिका में कुल उत्पादन क्षमता 3.57 करोड़ टन सालाना है। कंपनी ने इस्पात इंडस्ट्रीज और भूषण पावर ऐंड स्टील सहित रणनीतिक अधिग्रहणों के माध्यम से अपना विस्तार किया है जिससे स्टील उद्योग में इसकी स्थिति मजबूत हुई है। आर्सेलरमित्तल की कुल उत्पादन क्षमता सालाना 8.1 करोड़ टन और न्यूकॉर कॉर्प की क्षमता 2.7 करोड़ टन सालाना है। जेएसडब्ल्यू स्टील ने मार्च 2031 तक अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 5.15 करोड़ टन सालाना करने की योजना बनाई है, जिसमें से 5 करोड़ टन क्षमता भारत में होगी। 

जेएसडब्ल्यू का शेयर इस साल अभी तक 17 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। सरकार द्वारा स्टील आयात पर अंकुश लगाने के प्रस्ताव से कंपनी के शेयरों में तेजी आई है। व्यापार उपचार महानिदेशालय ने कुछ गैर-मिश्र धातु और मिश्र धातु स्टील फ्लैट उत्पादों पर 200 दिनों के लिए 12 फीसदी सेफगार्ड शुल्क लगाने की सिफारिश की है। यदि वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग इसे मंजूरी देता है तो इससे जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील जैसे घरेलू उत्पादकों को लाभ मिल सकता है। 

एक अलग घटनाक्रम में जेएसडब्ल्यू स्टील ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि वह इटली की अपनी सहायक इकाई पियोम्बिनो स्टील (पीएसएल) में 1,676.45 करोड़ रुपये के प्रस्तावित पुनर्खरीद के तहत 22 करोड़ से अधिक शेयर खरीदेगी। पीएसएल में जेएसडब्ल्यू की 83.28 फीसदी हिस्सेदारी है।

First Published - March 25, 2025 | 10:30 PM IST

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