भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी जियोस्टार ने अपने भविष्य के लिए एक बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है। कंपनी के उपाध्यक्ष उदय शंकर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) में जियोस्टार कंटेंट पर 33,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश करेगी। यह घोषणा उन्होंने वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) में एक चर्चा के दौरान की।
बता दें कि जियोस्टार रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी वायकॉम18 और द वॉल्ट डिज्नी की भारतीय इकाई का एक संयुक्त उद्यम है। इस कंपनी ने पहले भी कंटेंट पर भारी निवेश किया है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 में 30,000 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2024 में 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
उदय शंकर ने बताया कि पिछले तीन सालों (2024, 2025 और 2026) में कंपनी ने कंटेंट पर 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सारा निवेश भारतीय दर्शकों के लिए है, जो उनकी पसंद और जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। साथ ही, इस निवेश की वसूली भी भारतीय बाजार से ही होगी। शंकर, जो बोधी ट्री सिस्टम्स के सह-संस्थापक भी हैं, ने भारतीय कहानियों और कहानी कहने की कला को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। उनका मानना है कि भारतीय मीडिया को वैश्विक कंटेंट पर निर्भर रहने के बजाय अपनी कहानियों को दुनिया तक पहुंचाना चाहिए।
चर्चा के दौरान उदय शंकर ने मीडिया और मनोरंजन उद्योग में मौजूदा विज्ञापन और सब्सक्रिप्शन मॉडल को पुराना बताया। उन्होंने कहा कि इन मॉडल में कई सालों से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। शंकर ने एक नए मॉडल की जरूरत पर जोर दिया, जो नई तकनीकों और रणनीतियों के साथ भारतीय मीडिया कंपनियों को नेटफ्लिक्स और टेनसेंट जैसे वैश्विक दिग्गजों की तरह विशाल मूल्यांकन हासिल करने में मदद करे। WAVES में मौजूद कई भारतीय और वैश्विक विशेषज्ञों ने भी माना कि भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग में अभी बहुत संभावनाएं हैं।
मीडिया पार्टनर्स एशिया के प्रबंध निदेशक विवेक कूटो ने बताया कि भारतीय मीडिया उद्योग का मूल्यांकन वर्तमान में 30 बिलियन डॉलर है, जबकि अमेरिका में यह 200 बिलियन डॉलर और चीन में 75 बिलियन डॉलर है। इससे साफ है कि भारतीय बाजार में अभी विकास की अपार संभावनाएं हैं।
शंकर ने छोटे शहरों और कस्बों, यानी टियर-III और IV शहरों में विज्ञापन की अपार संभावनाओं की ओर भी ध्यान खींचा। उन्होंने कहा कि भारत में विज्ञापन का पहला चरण ब्रांड निर्माण तक ही सीमित रहा है। अब तक हम एक ही तरह के विज्ञापनदाताओं पर निर्भर रहे हैं। अगर हम इन छोटे शहरों में हो रही आर्थिक गतिविधियों को विज्ञापन के दायरे में ला सकें, तो इससे न केवल नए ब्रांड उभरेंगे, बल्कि बाजार का आकार भी दोगुना हो सकता है। उन्होंने कहा, “अगर हम इन उभरते व्यवसायों को बढ़ाने, नए ब्रांड बनाने और उन्हें विज्ञापन के दायरे में लाने में मदद करें, तो अगले पांच सालों में बाजार की कीमत दोगुनी हो सकती है।”
जियोस्टार की यह रणनीति न केवल भारतीय मीडिया उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की कोशिश है, बल्कि यह भारतीय दर्शकों की पसंद को केंद्र में रखकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने का भी एक प्रयास है।