कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कंपनी जेटवर्क मैन्युफैक्चरिंग अगले 15 से 24 महीनों में IPO लाने की योजना बना रही है। यह जानकारी कंपनी के एक शीर्ष कार्यकारी ने शनिवार को दी। कंपनी का लक्ष्य कम से कम 500 मिलियन डॉलर जुटाना है, जिससे उसकी वैल्यूएशन लगभग 5 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाए। बेंगलुरु स्थित अभी यह 3.1 बिलियन डॉलर की कंपनी है।
कंपनी के CEO और सह-संस्थापक अमृत आचार्य ने कहा कि हम अगले 15 से 24 महीनों में लिस्टेड होने की दिशा में काम कर रहे हैं, और इसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। कंपनी को पीक XV पार्टनर्स और लाइटस्पीड इंडिया पार्टनर्स जैसे निवेशकों का सपोर्ट है।
जेटवर्क इलेक्ट्रॉनिक्स ने शनिवार को श्रीपेरंबुदूर में एक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया। 15 एकड़ का यह कैंपस भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) क्षेत्र में मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह भारत के 500 बिलियन डॉलर के ESDM बाजार और तमिलनाडु के 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। बता दें कि जेटवर्क इलेक्ट्रॉनिक्स 2 बिलियन डॉलर के जेटवर्क मैन्युफैक्चरिंग व्यवसाय का हिस्सा है।
जेटवर्क के इलेक्ट्रॉनिक्स प्रेसिडेंट जोश फाउल्गर ने कहा, “यह हमारी इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में लगभग 1,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना का हिस्सा है। हम संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे बाजारों पर बड़ा दांव लगा रहे हैं। नई फैक्ट्री वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और आईटी हार्डवेयर के लिए कंट्रोल बोर्ड बनाने पर ध्यान देगी। इसमें उन्नत उत्पादन क्षमताएं होंगी, जिनमें पांच सरफेस-माउंट टेक्नोलॉजी लाइनें, मैनुअल इंसर्शन लाइनें, पॉटिंग, कॉन्फॉर्मल कोटिंग, और सख्त टेस्टिंग प्रक्रियाएं शामिल हैं। पूरी क्षमता पर, यह सुविधा लगभग 1,200 कुशल पेशेवरों को रोजगार देगी।”
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग विकास की राह पर है और नई ऊंचाइयों को छू रहा है। पिल्लई पक्कम और मनल्लुर में दो बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किए जाएंगे, जिनकी स्वीकृत लागत 1,012 करोड़ रुपये है। तमिलनाडु इसका प्रमुख लाभार्थी है, जहां रेलवे बजट अब 6,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह विकास और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दे रहा है। जेटवर्क अपनी सातवीं फैक्ट्री शुरू कर रहा है, हम भारतीय कंपनियों को वर्ल्ड लीडर बनाने में अपना सपोर्ट देगा।”
तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने कहा, “भारत के शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादक के रूप में, जो राष्ट्रीय निर्यात में 36 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है, तमिलनाडु हमेशा भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्रांति में सबसे आगे रहा है। जेटवर्क जैसी नई पीढ़ी की कंपनियों से निवेश हमारे इकोसिस्टम को और मजबूत करेगा और हमें सालाना इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम बनाएगा।”
आचार्य कहते हैं, “जेटवर्क का जन्म भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनाने के विजन से हुआ था। कुछ ही वर्षों में, हमने एक पूर्ण-स्टैक EMS कंपनी बनाई है जो सप्लाई चेन को फिर से आकार देने में मदद कर रही है। यह नई सुविधा भारत की उच्च-मूल्य इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में क्षमता को साकार करने की दिशा में एक कदम है।”
उन्होंने आगे कहा, “नवाचार, स्थिरता और कौशल विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने के हमारे मिशन को आगे बढ़ाएगी। हम मानते हैं कि 500 बिलियन डॉलर के ESDM उद्योग और 1 ट्रिलियन डॉलर की तमिलनाडु अर्थव्यवस्था की यात्रा एक सामूहिक प्रयास है, और जेटवर्क इस बड़े पहेली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने पर गर्व करता है।”
जेटवर्क की चेन्नई सुविधा एक विश्व-स्तरीय निर्यात केंद्र (export hub) के रूप में डिजाइन की गई है, जो भारत-अमेरिका व्यापार अवसरों का लाभ उठाएगी और वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की भूमिका में योगदान देगी।