किक्रेट के सालाना महाआयोजन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत आज से हो गई। इस टूर्नामेंट में 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं और इनमें सभी ने अपनी तैयारी चाक-चौबंद रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है मगर मैदान के बाहर एक नहीं बल्कि कई विजेता पहले से ही अपन परचम लहराते नजर आ रहे हैं।
IPL 2023 में शिरकत करने वाली दस टीमों का उत्साह मैदान के बाहर भी बुलंदी पर है। दरअसल भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के केंद्रीय कोष से इन दस टीमों का राजस्व कम से कम दोगुना (305 करोड़ रुपये से बढ़कर 630 करोड़ रुपये) होने की उम्मीद की है।
इस कोष में IPL मैचों से जुड़े टेलिविजन एवं डिजिटल अधिकारों की बिक्री और मुख्य प्रायोजकों से मिलने वाले राजस्व शामिल होते हैं।
IPL फ्रैंचाइजी के कुल राजस्व में BCCI के केंद्रीय कोष से मिलने वाली रकम की हिस्सेदारी 75-80 प्रतिशत तक होती है। इस बड़े आयोजन के सू्त्रधार BCCI भी टेलिविजन एवं डिजिटल अधिकारों की बिक्री से प्राप्त होने वाली कमाई की बदौलत पहले की तुलना में काफी अमीर हो जाएगा।
2018-22 के दौरान IPL से BCCI को हुई 8,174 करोड़ रुपये की कमाई अगले पांच वर्षों में बढ़कर 24,195 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है।
यह भी तयशुदा बात है कि IPL देखने वाले लोगों की संख्या बढ़ने वाली है। अनुमानों के अनुसार देश की लगभग 55 करोड़ से अधिक आबादी IPL मैच देखने के लिए डिजिटल या टीवी पर कुछ समय जरूर बिताएंगे।
यह IPL के लिहाज से इसलिए भी उत्साजनक है क्योंकि पिछले साल दर्शकों की संख्या कम होकर 22.9 करोड़ रह गई थी जो 2021 में 26.9 करोड़ थी। डिज्नी-स्टार ने IPL मैचों के टेलिविजन और डिजिटल अधिकार खरीद लिए थे और डिजिटल माध्यम से वे लोग ही मैचों का लुत्फ उठा रहे थे जिन्होंने सब्सक्रिप्शन ले रखा था।
मगर इस बार वायकॉम 18 जियो सिनेमा पर मैच देखने के लिए लोगों से कोई शुल्क नहीं लेगा। समझा जा रहा है कि इससे दर्शकों की संख्या में जरूर इजाफा होगा। लोगों को मैच देखने के लिए डेटा पर अधिक खर्च नहीं करना पड़े इसके लिए रिलायंस जियो ने सस्ते डेटा पैकेज की पेशकश की है। अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए डिज्नी-स्टार भी कुछ मैचों का प्रसारण निःशुल्क कर रही है।
मगर सारा दारोमदार टीवी और डिजिटल प्रसारण अधिकार खरीदने वाले प्रसारकों की वजह से है। पहली पर प्रसारण अधिकार दो प्रसारकों वायकॉम 18 और डिज्नी-स्टार में बंट गया है। वायकॉम के पास डिजिटल अधिकार हैं जबकि डिज्नी-स्टार के पास टेलिविजन पर मैचों के प्रसारण का अधिकार है।
पिछले कुछ समय से 4,500 करोड़ रुपये के विज्ञापन बाजार में अधिक से अधिक हिस्सा झटकने के लिए वायकॉम 18 और डिज्नी-स्टार दोनों ही अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
पांच साल पहले हुई नीलामी में आई रकम की तुलना में दोनों कंपनियों ने संयुक्त रूप से तीन गुना अधिक रकम चुकाई है। इन दोनों कंपनियों ने 48,390 करोड़ रुपये में मैचों के प्रसारण अधिकार खरीदे हैं। इससे सीधा मतलब यह निकाला जा सकता है कि दोनों को न नफा न नुकसान की स्थिति में पहुंचने के लिए हरेक साल कम से कम 10,000 करोड़ रुपये कमाने होंगे।
मगर मौजूदा आंकड़ों को देखकर कुछ वर्षों के लिए यह करिश्मा कर दिखाना मुमकिन नहीं लग रहा है।
IPL की 10 फ्रैंचाइजी बिना किसी खास प्रयास के मोटी कमाई कर लेंगी। इलारा कैपिटल के अनुसार इस IPL में प्रत्येक फ्रैंचाइजी का औसत राजस्व पिछले साल के 305 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 630 करोड़ रुपये हो जाएगा।
कमाई का मोटा हिस्सा टेलिविजन और डिजिटल अधिकारों से प्राप्त राजस्व में तीन गुना बढ़ोतरी से आएगा। इनमें आधी रकम सभी फ्रैंचाइजी में बराबर हिस्सों में बांटी जाती है। टूर्नामेंट के प्रायोजकों से आने वाली कमाई तो है ही। टीम भी अपने साथ प्रायोजक लाते हैं। ये प्रायोजक कुल राजस्व में 20-25 प्रतिशत तक योगदान दे सकते हैं। इसके साथ ही टीमों के साजो-सामान की बिक्री से भी कमाई होती है। अनुमानों के अनुसार कुछ फ्रैंचाइजी ने 100 करोड़ रुपये तक के प्रायोजक अपने साथ लेकर आए हैं।