रियल एस्टेट, नवीकरणीय ऊर्जा और सड़क जैसे भारत के प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में अगले दो वित्त वर्षों में 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह निवेश पिछले दो वर्षों में हुए निवेश के मुकाबले 38 फीसदी अधिक होगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘ऊर्जा मिश्रण में अधिक हरित ऊर्जा जोड़कर, सड़कों के व्यापक नेटवर्क के जरिये भौतिक कनेक्टिविटी में सुधार के साथ आवासीय एवं वाणिज्यिक अचल संपत्ति की बढ़ती मांग से भारत की टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण की जरूरतों पर असर पड़ेगा।’
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक और मुख्य रेटिंग्स अधिकारी कृष्णन सीतारमण के मुताबिक, इन तीन क्षेत्रों में अंतर्निहित मांग मजबूत बनी हुई है, जिससे नियमित नीतिगत हस्तक्षेप से निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। इससे निजी कंपनियों के बेहतर ऋण जोखिम प्रोफाइल का भी समर्थन किया है और उनकी निष्पादन और रकम जुटाने की क्षमताओं को बढ़ाया है।
नवीकरणीय ऊर्जा में भंडारण और भंडारण से जुड़ी क्षमताओं पर समय पर चालू करना सामान्य नवीकरणीय क्षमताओं की तुलना में उनके उच्च शुल्क को देखते हुए एक प्रमुख जोखिम है। इन भंडारण से जुड़ी क्षमताओं को अबतक धरातल में अधिक तवज्जो नहीं मिली है। नौ गीगावॉट की इन परियोजनाओं में से करीब 7 गीगावॉट के लिए अब तक खरीदार नहीं मिले हैं।
इसी तरह, सड़क क्षेत्र में भी जैसे-जैसे सरकारी बजटीय आवंटन कम किए जा रहे हैं, निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) टोल मॉडल रियायत समझौते में बदलाव किए जा रहे हैं।
एजेंसी ने कहा कि मगर ट्रैफिक अनुमान सटीकता में सुधार और बीओटी टोल मॉडल परियोजनाओं के लिए रकम जुटाने के लिए ऋणदताओं की इच्छा पर नजर बनी रहेगी। इस साल की शुरुआत में सरकार ने बीओटी मॉडल के तहत बोली लगाने के लिए 2.2 लाख करोड़ रुपये की शुरू होने वाली 53 परियोजनाएं पेश की थी।