facebookmetapixel
AI क्रांति के बीच Meta ने 600 लोगों को नौकरी से निकाला, टॉप-लेवल हायरिंग पर फोकसDefence PSU के Q2 रिजल्ट की डेट घोषित! इस तारीख को हो सकता है डिविडेंड का बड़ा ऐलानग्रीन कार्ड होल्डर्स के लिए चेतावनी! लंबे समय तक विदेश में रहने पर हो सकता है प्रवेश रोकBPCL Q2 रिजल्ट की डेट तय! इस दिन हो सकता है डिविडेंड का बड़ा ऐलानRussian oil: अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद रूस से भारत की तेल सप्लाई लगभग बंद होने की संभावनाSwiggy Q2 रिजल्ट की डेट हुई घोषित! जानिए कब आएंगे कंपनी के तिमाही नतीजेASEAN Summit: पीएम मोदी नहीं जाएंगे मलेशिया, इस बार वर्चुअली ही होंगे शामिलभारत में Apple की बड़ी छलांग! 75 हजार करोड़ की कमाई, iPhone 17 बिक्री में चीन को भी पीछे छोड़ाInfosys buyback: नंदन नीलेकणी-सुधा मूर्ति ने ठुकराया इन्फोसिस का ₹18,000 करोड़ बायबैक ऑफरGold-Silver Price Today: भाई दूज पर सोने-चांदी की कीमतों में उछाल, खरीदने से पहले जान लें आज के दाम

कोयला मंत्रालय ने बढ़ाई ‘स्वदेशी तकनीक’ की सीमा, विदेशी सहयोग भी माना जाएगा

कोयला मंत्रालय ने कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने के लिए ‘स्वदेशी तकनीक’ की परिभाषा को व्यापक किया,

Last Updated- October 23, 2025 | 6:47 AM IST
Coal
Representative Image

कोयला मंत्रालय ने कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत ‘स्वदेशी तकनीक’ की परिभाषा को व्यापक कर दिया है। इसके तहत यदि विदेशी सहयोग से भारतीय परिस्थितियों में महत्त्वपूर्ण नवाचार और व्यावसायिक व्यवहार्यता के तहत अपनाई जाने वाली या अनुकूल तकनीकों को इस व्यापक परिभाषा में शामिल किया गया है।

मंत्रालय ने परियोजनाओं के लिए प्रस्तावों के अनुरोध (आरएफपी) पर उद्योग के प्रश्नों के जवाब में कहा कि पेटेंट या बौद्धिक संपदा सहित भारत में विकसित, स्वामित्व और पर्याप्त रूप से सिद्ध तकनीक को स्वदेशी तकनीक कहा जाएगा। इसके अलावा तकनीकी सहयोग या प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से अनुकूलित की गई तकनीकों को भी स्वदेशी माना जाएगा, बशर्ते वे महत्त्वपूर्ण विकास, नवाचार का प्रदर्शन करें और उसके परिणाम तकनीक भारतीय परिस्थितियों में स्वतंत्र व्यवसायीकरण में सक्षम हो। ये स्पष्टीकरण 30 सितंबर को जारी किए गए आरएफपी के बाद 10 अक्टूबर, 2025 को आयोजित पूर्व-बोली सम्मेलन के बाद जारी किए गए।

इसका उद्देश्य भारत में कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं में निवेश में तेजी लाना है। मंत्रालय ने आवेदकों को आवेदन करने के बाद ‘व्यावसायिक रूप से स्केलेबल प्रदर्शन परियोजना’ व ‘छोटे पैमाने की उत्पाद-आधारित परियोजना’ श्रेणियों के बीच स्थानांतरित करने की अनुमति दी है, बशर्ते वे नई श्रेणी की पात्रता और योग्यता मानदंडों को पूरा करते रहें।

सरकार ने भूमिगत कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को सिद्ध स्वदेशी तकनीक की आवश्यकता से छूट दी है। सरकार ने यह स्वीकारा कि दुनिया भर में ज्यादातर यूसीजी तकनीकें अभी भी पायलट पैमाने पर हैं। बहरहाल, ऐसी परियोजनाओं में न्यूनतम 100 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय शामिल होना चाहिए। इसके साथ ही मंत्रालय ने वित्तीय पात्रता आवश्यकता में छूट देने के उद्योग के अनुरोधों को खारिज कर दिया।  इसमें अनिवार्य है कि बोलीदाता के पास परियोजना के लिए कुल इक्विटी प्रतिबद्धता का न्यूनतम 30 प्रतिशत का नेट वर्थ होना चाहिए।

First Published - October 23, 2025 | 6:47 AM IST

संबंधित पोस्ट