सरकार के वाहन कबाड़ नीति की समीक्षा किए जाने से कुछ श्रेणियों में पुराने ट्रकों के दाम 21 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि पुराने ट्रकों के दामों में यह इजाफा सरकार की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से निकली मांग के कारण भी हुआ है।
वाहनों की खुदरा बिक्री के साथ-साथ पुराने वाहनों की बिक्री और ट्रकों के भाड़े पर नजर रखने वाली मासिक रिपोर्ट – श्रीराम मोबिलिटी बुलेटिन के अनुसार डेढ़ टन से दो टन वाली श्रेणी (जिसमें टाटा एस, अशोक लीलैंड का दोस्त और महिंद्रा ट्रेओ शामिल है) में पुराने वाणिज्यिक वाहनों के दामों में सालाना आधार पर 21 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। इसके बाद 7.5 से 16 टन वाली श्रेणी में 12 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है। हालांकि 16 से 19 टन वाली श्रेणी में 16 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
पुराने ट्रकों की मांग में यह इजाफा सरकार के अपनी वाहन कबाड़ नीति की समीक्षा करने के कारण आया है। इसके तहत 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को कबाड़ में तब्दील करना अनिवार्य है। वाहन की आयु के बजाय उत्सर्जन स्तरों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इसमें संशोधन किया जा सकता है। अशोक लीलैंड में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी शेनू अग्रवाल ने कहा, ‘हाल में पुराने ट्रक वाली श्रेणी की मांग में उछाल आई है।’
यह ऐसे समय हुआ है जब ट्रकों का किराया सितंबर में मजबूत रहा है, जो माल ढुलाई का प्रमुख संकेतक है क्योंकि देश भर में त्योहारी सीजन से पहले स्टॉक तैयार जारी है। माल ढुलाई की दरें बिना किसी खासे इजाफे के मजबूत रही हैं क्योंकि ट्रकों के बेड़े का उपयोग स्तर 70 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया जो हाल के समय में सबसे ज्यादा है। बेंगलूरु-मुंबई-बेंगलूरु मार्ग पर ट्रक भाड़े में सबसे ज्यादा 1.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जबकि कोलकाता-गुवाहाटी-कोलकाता मार्ग में बदलाव नहीं हुआ।
दिल्ली-बेंगलूरु-दिल्ली और दिल्ली-मुंबई दिल्ली मार्गों पर भी क्रमशः एक प्रतिशत और 0.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मामूली इजाफा दर्ज किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारी सीजन में वाणिज्यिक वाहनों की ज्यादा मांग के परिणामस्वरूप नए वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री दिख रही है, जो इस बात से जाहिर होती है कि माल वाहक, कार्ट वाले ई-रिक्शा और तिपहिया (माल ढुलाई वाले) की बिक्री में तेजी का रुख देखा गया है।
श्रीराम फाइनैंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी वाईएस चक्रवर्ती ने कहा, ‘ट्रक मालिकों ने चेतावनी दी है कि माल ढुलाई की दरों में इजाफा होने वाला है क्योंकि पिछले कुछेक सप्ताह के दौरान टायरों के दाम और टोल शुल्क में इजाफा हो चुका है। बेड़े के परिचालक ईंधन के दामों में कटौती की मांग भी कर रहे हैं जो माल ढुलाई की किसी भी दर वृद्धि को रोक सकता है।’