पारंपरिक अपैरल रिटेलरों का राजस्व इस साल 7-8 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि खासकर त्योहारी सीजन और शादियों के मौसम की वजह से इन कंपनियों के कारोबार में इजाफा हो सकता है। हालांकि राजस्व घनत्व (प्रति वर्ग फुट राजस्व की गणना) महामारी-पूर्व स्तर से नीचे बने रहने का अनुमान है।
क्रिसिल ने 39 रिटेलरों के विश्लेषण के आधार पर एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि मध्यावधि में इस क्षेत्र की वृद्धि को स्टोरों की संख्या बढ़ने से मदद मिलेगी, जिनमें टियर-2 और 3 शहर शामिल हैं। स्टोर एरिया वृद्धि की रफ्तार वित्त वर्ष 2024 में 22 लाख वर्ग फुट के महामारी-पूर्व स्तर के साथ सामान्य हो जाएगी। वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 37 लाख वर्ग फुट था।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘इससे बाहरी कर्ज पर निर्भरता घटाने और क्रेडिट रिस्क प्रोफाइल को ‘स्टैबल’ बनाए रखने में मदद मिलेगी।’ क्रिसिल ने कहा है, ‘जहां महानगरों और टियर-1 शहरों में स्टोर विस्तार बरकरार रहेगा, वहीं रिटेलर टियर 2/3 शहरों पर भी नजर बनाए रखेंगे, जहां अपेक्षाकृत छोटे आकार के आउटलेट खोले जाएंगे। इसलिए, स्टोर वृद्धि की रफ्तार इस साल सामान्य होकर महामारी-पूर्व स्तर के आसपास पहुंच जाएगी।’
इन रिटेलरों का परिचालन मार्जिन वित्त वर्ष 2024 में करीब 8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, क्योंकि उत्पाद मिश्रण में प्रीमियम सेगमेंट के अनुकूल सुधार आ रहा है और उत्पादन लागत में नरमी से ऊंचे विपणन खर्च की भरपाई करने में मदद मिल रही है।
क्रिसिल रेटिंग्स में वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, ‘प्रीमियम सेगमेंट से मांग धीरे धीरे बढ़ रही है, क्योंकि कार्यालय पूरी तरह से खुलने और कॉरपोरेट गतिविधियां बढ़ने की वजह से उपभोक्ता ब्रांडेड परिधानों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इससे अब सुस्त पड़ चुकी मांग की भरपाई करने में मदद मिल रही है।’
उन्होंने कहा, ‘लगातार स्टोर खुलने और त्योहार तथा शादियों के सीजन शुरू होने से तीसरी और कुछ हद तक चौथी तिमाही में भी मांग में सुधार आने की संभावना है। इससे कंपनियों की राजस्व वृद्धि को मदद मिलेगी।’ इसके अलावा, राजस्व घनत्व वित्त वर्ष 2024 में प्रति वर्ग फुट 10,898 रुपये के साथ वित्त वर्ष 2018 के महामारी-पूर्व स्तर (11,659 रुपये प्रति वर्ग फुट) और वित्त वर्ष 2019 के 11,382 रुपये प्रति वर्ग फुट से नीचे बना रहेगा।
यह वित्त वर्ष 2021 से इन स्तरों से नीचे बना हुआ है, जब महामारी आई थी। पिछले साल, वित्त वर्ष 2022 में स्टोरों की संख्या में अचानक तेजी की वजह से यह 8,329 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गया था। अगले दो वर्षों में यह महामारी-पूर्व स्तरों से नीचे बने रहने की संभावना है।
क्रिसिल ने कहा कि संपूर्ण राजस्व (जो महामारी-पूर्व स्तरों से बढ़कर पिछले साल दोगुना हो गया) में ऑनलाइन बिक्री की भागीदारी स्थिर रहने का अनुमान है, क्योंकि उपभोक्ता ऑनलाइन और पारंपरिक, दोनों तरह की खरीदारी कर रहे हैं। इस क्षेत्र में पूंजीगत खर्च के संबंध में क्रिसिल का कहना है कि टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्मों में स्टोर विस्तार और निवेश का आंकड़ा पिछले साल के 2,000 करोड़ रुपये के स्तर पर बना रहेगा।