भारत की कैपिटल गुड्स और इंजीनियरिंग की 7 कंपनियों (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को छोड़कर) ने FY25 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 1 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा के नए ऑर्डर अपने नाम किए। हालांकि, यह संख्या पिछले साल की इसी तिमाही में ₹1.29 ट्रिलियन के ऑर्डर्स से कम है, लेकिन विश्लेषकों को मुताबिक- कंपनियों के ऑर्डर बुक और भविष्य की योजनाएं मजबूत नजर आ रही हैं। हालांकि, यह आंकड़ा (₹1.29 ट्रिलियन) सीधे तुलना के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि कंपनियां सभी ऑर्डर्स का खुलासा नहीं करती हैं।
इस तिमाही का सबसे बड़ा ऑर्डर लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने हासिल किया, जो NTPC के लिए थर्मल पावर प्लांट सेटअप करने का है। इस ऑर्डर की अनुमानित कीमत विश्लेषकों के मुताबिक ₹22,000 करोड़ है।
किन सेक्टर्स में दिखा दम?
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, चुनावी साल होने के बावजूद, थर्मल पावर, रिन्यूएबल एनर्जी, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन (T&D), डेटा सेंटर्स, और फैक्ट्रीज जैसे क्षेत्रों में ऑर्डर फ्लो अच्छा रहा। हालांकि, जल परियोजनाओं और रेलवे सेक्टर में ऑर्डर्स की रफ्तार धीमी रही।
लंबी पारी खेलने को तैयार कैपिटल गुड्स कंपनियां
BNP परिबास की 7 जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार, FY27 तक कैपिटल गुड्स सेक्टर में ₹22 ट्रिलियन के नए ऑर्डर्स मिलने की उम्मीद है, जिसमें जल परियोजनाओं के लिए ₹1.52 ट्रिलियन और रक्षा क्षेत्र के लिए ₹1.8 ट्रिलियन के बड़े ऑर्डर्स शामिल हैं। जेफरीज का कहना है कि घरेलू रक्षा निर्माण, आयात प्रतिस्थापन (import substitution) और निर्यात के जरिए यह क्षेत्र अगले 5-6 सालों में $100-120 बिलियन (₹8-10 ट्रिलियन) का बाजार बन सकता है और 13% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ सकता है। यह वृद्धि न केवल घरेलू उद्योग के लिए बल्कि भारत के समग्र बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी अहम साबित होगी।
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क्यों है ये सेक्टर खास?
कैपिटल गुड्स कंपनियां सिर्फ बुनियादी ढांचे को नहीं, बल्कि देश के विकास को नई ऊंचाई पर ले जा रही हैं। चाहे वो थर्मल पावर हो, रिन्यूएबल एनर्जी या डिफेंस सेक्टर, इन कंपनियों का हर प्रोजेक्ट भारत के भविष्य को ग्रीन और मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है।