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₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्स

कम इनकम में भी कैसे बनाएं मजबूत फाइनेंशियल फाउंडेशन? जानिए PersonalCFO के फाउंडर सुशील जैन से स्मार्ट सेविंग और इन्वेस्टमेंट के गोल्डन रूल्स।

Last Updated- September 06, 2025 | 1:58 PM IST
Money
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

आज के दौर में अगर किसी की मंथली इनकम ₹30,000 से ₹50,000 के बीच है, तो अक्सर यह सवाल उठता है कि इतनी कमाई में सेविंग और निवेश कैसे किया जाए। इस सवाल का जवाब PersonalCFO के फाउंडर और सीईओ सुशील जैन ने बेहद सरल और व्यावहारिक अंदाज में दिया है। उनके अनुसार, सही योजना और अनुशासन से कोई भी व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकता है, चाहे इनकम कुछ भी हो।

खर्च और निवेश का सबसे सरल फॉर्मूला – 50:25:25

सुशील जैन के मुताबिक, अपनी इनकम को तीन हिस्सों में बांट कर खर्च और निवेश का बैलेंस बनाना सबसे आसान और असरदार तरीका है। उनके बताए अनुसार, कुल इनकम का 50% हिस्सा घर चलाने में जाना चाहिए जैसे कि किराया, राशन, बिजली-पानी के बिल आदि। इसके बाद 25% हिस्सा लाइफस्टाइल खर्चों में खर्च किया जा सकता है, जैसे बाहर खाना, घूमना-फिरना, शौक आदि। बाकी बचे 25% पैसे को निवेश में लगाना चाहिए। साथ ही, इमरजेंसी फंड बनाना, हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस लेना भी बेहद जरूरी है। जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती है, सेविंग का प्रतिशत भी बढ़ाना चाहिए, क्योंकि घर और लाइफस्टाइल खर्च हमेशा इनकम के अनुपात में नहीं बढ़ते।

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कर्ज के जाल से कैसे बचें?

अक्सर देखा जाता है कि युवा क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन के जरिए अपने खर्च पूरे करने लगते हैं, जो धीरे-धीरे कर्ज के जाल में बदल जाता है। सुशील जैन का मानना है कि यह स्थिति तब आती है जब फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं होती और खर्च आमदनी से ज्यादा होने लगते हैं। खासकर इमोशनल खर्च, जैसे ट्रेंड में चल रही चीजें खरीदना या सोशल मीडिया के दिखावे में आकर खर्च करना, युवाओं को बिना जरूरत के कर्ज की ओर ले जाता है। ऐसे में नियमित सेविंग की आदत, इमरजेंसी फंड और कैश फ्लो को ट्रैक करना बेहद जरूरी हो जाता है। अगर इन बातों पर ध्यान दिया जाए, तो युवा खुद को आसानी से कर्ज के बोझ से बचा सकते हैं।

20s में सबसे आम मनी मिस्टेक क्या होती है?

सुशील जैन के अनुसार, 20 की उम्र में लोग आमतौर पर तीन बड़ी मनी मिस्टेक करते हैं। पहली गलती – जल्दी अमीर बनने की चाह में स्टॉक मार्केट या क्रिप्टोकरेंसी जैसे हाई-रिस्क विकल्पों में बिना समझ के पैसा लगाना। दूसरी गलती – फाइनेंस की चिंता किए बिना बस जिंदगी को एंजॉय करने के लिए क्रेडिट कार्ड या लोन से लग्जरी चीजें खरीद लेना। और तीसरी गलती – जरूरत से ज्यादा सतर्क रहकर सारा पैसा सिर्फ बैंक सेविंग अकाउंट या FD में रखना, जिससे कोई बड़ा रिटर्न नहीं मिलता। इन तीनों ही केस में वे लोग आगे चलकर, यानी 30 की उम्र में जब उन्हें बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदने जैसी ज़िम्मेदारियां उठानी होती हैं, तब तक कोई मजबूत फाइनेंशियल फाउंडेशन नहीं बना पाते।

सिर्फ सेविंग से काम नहीं चलेगा, इन्वेस्टमेंट है जरूरी

बहुत से लोग मानते हैं कि सेविंग करना ही काफी है, लेकिन सुशील जैन इस धारणा को गलत मानते हैं। उनके अनुसार, सेविंग वेल्थ क्रिएशन की पहली स्टेप तो है, लेकिन अगर पैसा सिर्फ सेविंग अकाउंट या FD में रखा जाए, तो महंगाई और टैक्स काटने के बाद रियल रिटर्न बहुत कम या कभी-कभी नेगेटिव भी हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि सेविंग को सही जगह निवेश किया जाए और वह भी इस आधार पर कि आपकी जोखिम सहने की क्षमता कितनी है और फाइनेंशियल गोल कितने लंबे समय के लिए हैं।

निवेश की शुरुआत कब करनी चाहिए?

सुशील जैन का साफ कहना है कि निवेश की शुरुआत उतनी जल्दी होनी चाहिए जितनी जल्दी कमाई शुरू हो। 20 की उम्र में आपके ऊपर जिम्मेदारियां कम होती हैं, इसलिए आप आसानी से अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा सेव और निवेश कर सकते हैं। जितनी जल्दी आप निवेश शुरू करेंगे, उतना ही ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा – यानी आपका पैसा खुद पैसा बनाना शुरू कर देगा।

20s के लिए सबसे बेहतर निवेश विकल्प

अगर आप 20s में हैं और अभी-अभी कमाना शुरू किया है, तो आपके लिए सबसे जरूरी है फाइनेंशियल बेस मजबूत बनाना। सबसे पहले इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए – जो कि 3 से 6 महीने के खर्च के बराबर हो। उसके बाद हेल्थ और टर्म लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहिए ताकि किसी भी मेडिकल या अनहोनी स्थिति में फाइनेंशियल दबाव न आए।

इसके बाद निवेश की शुरुआत करें – अपनी जोखिम क्षमता और टैक्स स्लैब के हिसाब से। रेगुलर इनकम से म्यूचुअल फंड SIP शुरू करना एक अच्छा विकल्प है, जबकि बोनस या इंसेंटिव से FD या डेट फंड में निवेश किया जा सकता है। सबसे जरूरी बात यह है कि आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को समय-समय पर रिव्यू करें और जरूरत पड़ने पर रीबैलेंस करें।

(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट सुशील जैन से बातचीत पर आधारित है। बाजार से जुड़े इंस्ट्रूमेंट जोखिम के अधीन हैं। इसलिए निवेश या निवेश संबंधी फैसले लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से संपर्क करें।)

First Published - September 6, 2025 | 1:58 PM IST

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