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सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदा

सीतारमण ने GST परिषद के काम को शानदार बताते हुए कहा कि सभी सदस्यों ने राजस्व घाटे की चिंता को दरकिनार कर एकजुट होकर फैसला लिया

Last Updated- September 06, 2025 | 8:14 PM IST
Nirmala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण | फाइल फोटो

GST Reform India: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर GST (वस्तु एवं सेवा कर) ढांचे में बड़े बदलाव को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया है। यह जानकारी शनिवार को पीटीआई ने दी। GST परिषद की बैठक 3 सितंबर को हुई थी। इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल थे। लंबी चर्चा के बाद परिषद ने टैक्स दरों में बड़े बदलाव को हरी झंडी दिखाई। ये बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे। इससे मक्खन, चॉकलेट, शैंपू, ट्रैक्टर और एयर कंडीशनर जैसे कई उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। कुछ घरेलू जरूरत के सामानों पर टैक्स पूरी तरह हटा दिया गया है।

सीतारमण ने कहा कि उन्होंने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि कई गहन चर्चाओं के बाद परिषद ने एकमत से फैसला लिया। यह फैसला देश के लोगों को राहत देने वाला है। उन्होंने इसके लिए सभी का आभार जताया।

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राजस्व की चिंता छोड़कर लिया गया फैसला

सीतारमण ने GST परिषद के काम को शानदार बताया। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों ने राजस्व घाटे की चिंता को दरकिनार कर एकजुट होकर फैसला लिया। नए ढांचे में 12 फीसदी और 28 फीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म कर दो मुख्य श्रेणियां बनाई गई हैं। अब आम इस्तेमाल के सामान पर 5 फीसदी और बाकी पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। सीतारमण ने बताया कि राज्यों ने टैक्स दरें कम करने का समर्थन किया, लेकिन राजस्व पर असर की चिंता भी जताई। उन्होंने राज्यों से अपील की कि यह कदम देश के लोगों के लिए जरूरी है। केंद्र को भी टैक्स कम करने से नुकसान होगा, लेकिन सस्ते सामान से खरीदारी बढ़ेगी और राजस्व की भरपाई हो जाएगी। इस तरह सहमति बनी।

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण ने चर्चा को समावेशी बताया। सभी मंत्रियों की राय सुनी गई। कुछ मंत्रियों ने दोबारा अपनी बात रखी, जिन्हें ध्यान से सुना गया। उनके सुझावों को भी शामिल किया गया। सीतारमण ने राज्यों के रचनात्मक सहयोग की तारीफ की।

विपक्षी दलों ने भी इस बदलाव का स्वागत किया, लेकिन कुछ चिंताएं जताईं। कांग्रेस ने इसे “GST 1.5” कहा और उम्मीद जताई कि यह छोटे उद्योगों को राहत देगा। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे आठ विपक्षी राज्यों ने भी टैक्स स्लैब और दरें कम करने का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने मांग की कि टैक्स कटौती का फायदा आम लोगों तक पहुंचे, इसके लिए एक तंत्र बनाया जाए।

First Published - September 6, 2025 | 6:37 PM IST

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