आजकल जिम में वर्कआउट करना रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। लेकिन अगर ट्रेनिंग के दौरान चोट लग जाए, तो क्या हेल्थ इंश्योरेंस इसका खर्च उठाएगा? एक्सपर्ट्स का कहना है कि आम जिम चोटें अक्सर इंश्योरेंस में कवर होती हैं, लेकिन कुछ शर्तें और एक्सक्लूजन के कारण क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है।
टीटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट दिनेश मोसमकर के अनुसार, “इंडेम्निटी आधारित हेल्थ पॉलिसी में जिम चोटों के लिए कोई खास एक्सक्लूजन नहीं है। आम चोटें पॉलिसी के तहत कवर होती हैं, लेकिन खतरनाक खेल, ड्रग्स या नशे की स्थिति में क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।”
क्लेम इसलिए भी रिजेक्ट हो सकते हैं अगर चोट के समय कोई असुरक्षित प्रैक्टिस हुई हो, प्रतिबंधित पदार्थ का इस्तेमाल हुआ हो या कोई प्री-एक्जिस्टिंग कंडीशन मौजूद हो।
ज्यूरिख कोटक जनरल इंश्योरेंस के चीफ टेक्निकल ऑफिसर पंकज वर्मा बताते हैं, “अगर अस्पताल के नोट्स में स्टेरॉयड के इस्तेमाल या शराब की स्थिति लिखी हो, तो क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है। साथ ही, अगर वर्कआउट किसी प्रतियोगिता या हाई-रिस्क एक्टिविटी का हिस्सा था, तो भी पॉलिसी एक्सक्लूज़न लागू हो सकती है।”
चॉइस इंश्योरेंस ब्रोकिंग के चीफ ग्रोथ ऑफिसर राजेंद्र उपाध्याय कहते हैं, “ज्यादातर पॉलिसियों में जिम चोटों को एक्सक्लूड नहीं किया गया है। लेकिन अगर एक्टिविटी डॉक्टर की सलाह के खिलाफ हुई हो या स्टेरॉयड का दुरुपयोग या हृदय संबंधी समस्या के साथ ओवरएक्सर्ट किया गया हो, तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।”
सुरक्षा बढ़ाने वाले ऐड-ऑन
हालांकि जिम चोटों के लिए कोई विशेष राइडर नहीं है, लेकिन कुछ ऐड-ऑन से कवर बढ़ाया जा सकता है:
आउटपेशेंट (OPD) कवर: कंसल्टेशन, फिजियोथेरेपी और दवाओं के खर्च में मदद करता है।
पर्सनल एक्सीडेंट कवर: गंभीर चोटों में वित्तीय सहायता देता है।
कन्ज्यूमेबल्स राइडर: पॉलिसी में शामिल नहीं गैर-मेडिकल खर्च को कवर करता है।
पॉलिसीबाजार के बिजनेस हेड सिद्धार्थ सिंघल के अनुसार, “OPD राइडर ऑर्थोपेडिक चोट या इलाज में मदद कर सकता है। यह न सिर्फ हॉस्पिटलाइजेशन के समय, बल्कि आउटपेशेंट इलाज के लिए भी सुरक्षा देता है।”
फिटनेस प्रेमियों के लिए सुझाव
पॉलिसी डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें और सभी हेल्थ कंडीशन का खुलासा करें।
हेल्थी रहने वाले प्लान चुनें जो फिटनेस और वेलनेस को इनाम देते हों।
टीटा एआईजी के मोसमकर कहते हैं, “प्रिवेंटिव चेकअप और वेलनेस बेनिफिट देखें।”
ज़्यूरिख़ कोटक के वर्मा कहते हैं, “हमेशा लिखित पुष्टि लें कि जिम चोटें कवर होती हैं।”
चॉइस इंश्योरेंस के उपाध्याय कहते हैं, “45 साल के बाद पूरी पारदर्शिता रखें, क्योंकि ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां मेडिकल टेस्ट अनिवार्य करती हैं।”
सिंघल के अनुसार, “छोटी से छोटी प्री-एक्जिस्टिंग कंडीशन भी बताएं और OPD कवर जोड़ने पर विचार करें। इससे हॉस्पिटलाइजेशन और आउटपेशेंट इलाज दोनों में वित्तीय सुरक्षा मिलती है।”
इस तरह जिम जाने वाले अपने हेल्थ कवर को अपने फिटनेस गोल्स के अनुसार सुरक्षित रख सकते हैं और क्लेम के समय किसी अप्रत्याशित परेशानी से बच सकते हैं।