भारत की दूसरी सबसे बड़ी गोल्ड लोन कंपनी मणप्पुरम फाइनैंस और अमेरिका की प्रमुख निजी इक्विटी फर्म बेन कैपिटल के बीच हिस्सेदारी खरीद पर बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है। जानकार सूत्रों के अनुसार बेन कैपिटल जल्द ही मणप्पुरम फाइनैंस में प्रवर्तक हिस्सेदारी के एक महत्त्वपूर्ण हिस्से का अधिग्रहण कर सकती है।
दोनों पक्षों ने कंपनी में वीपी नंदकुमार के नेतृत्व वाले प्रवर्तक परिवार से पूरी अथवा आंशिक हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए नवंबर 2024 में बातचीत शुरू की थी। मगर सौदे के मूल्य का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड ने नंदकुमार से पूछा तो खबर लिखे जाने तक उनरका कोई जवाब नहीं आया। बेन कैपिटल ने कोई टिप्पणी करने से इनकार किया।
नंदकुमार और उनके परिवार के पास मणप्पुरम फाइनैंस में 35.25 फीसदी हिस्सेदारी है। मौजूदा 17,000 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के आधार पर उसका मूल्य करीब 5,992 करोड़ रुपये है। उम्मीद है कि प्रवर्तक हिस्सेदारी खरीदे जाने के बाद बेन कैपिटल बाकी शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश लेकर आएगी।
नंदकुमार ने 13 फरवरी को विश्लेषकों से बातचीत में कहा था, ‘बातचीत करना बिल्कुल आम बात है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी नतीजे पर पहुंच गए हैं।’
बताया जाता है कि मणप्पुरम फाइनैंस के घाटे वाले और कम मुनाफा वाले कारोबार पर दोनों पक्षों में सहमति न बन पाने के कारण इस सौदे में देरी हुई। इन कारोबारों में माइक्रोफाइनैंस, वाहन ऋण, आवास ऋण और एमएसएमई ऋण शामिल हैं। बेन कैपिटल कंपनी के आकर्षक गोल्ड लोन कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए काफी उत्सुक थी। 31 दिसंबर, 2024 तक कंपनी की कुल 44,217 करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में उसके गोल्ड लोन कारोबार की हिस्सेदारी 55 फीसदी यानी करीब 24,504 करोड़ रुपये थी। बताया जाता है कि बेन कैपिटल गोल्ड लोन कारोबार के लिए प्रीमियम देने में दिलचस्पी दिखा रही थी लेकिन प्रवर्तकों का मानना था कि यह सौदा व्यावहारिक नहीं होगा क्योंकि शेष कारोबार का प्रदर्शन अच्छा नहीं है।
सौदे की राह में एक अन्य प्रमुख बाधा घाटे में चल रही माइक्रो फाइनैंस इकाई आशीर्वाद माइक्रो फाइनैंस है जिसका कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में करीब 23 फीसदी योगदान है। कंपनी के वाहन ऋण कारोबार की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में हिस्सेदारी करीब 12 फीसदी और आवास ऋण कारोबार की 4 फीसदी है। शेष हिस्सेदारी एमएसएमई ऋण कारोबार की है।