एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के विश्लेषकों ने कहा है कि वृहद आर्थिक चिंताओं के साथ साथ डिस्क्रेशनरी आईटी खर्च के प्रति सतर्कता की वजह से भारतीय आईटी कंपनियों का राजस्व वित्त वर्ष 2023 के 12-18 प्रतिशत के ऊंचे स्तरों के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 तक 5 प्रतिशत तक घट सकता है।
एसऐंडपी ग्लोबल के स्पेंसर एनजी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘इस धीमी वृद्धि के पीछे मुख्य कारण आर्थिक मंदी है। ग्राहक अपने डिस्क्रेशनरी यानी कम जरूरी खर्च में कटौती कर रहे हैं। खासकर उन परियोजनाओं से परहेज किया जा रहा है जिनसे लाभ मिलने में लंबा वक्त लगे। हम यह भी मान रहे हैं कि अगले कुछ वर्षों के लिए बड़ी आर्थिक समस्याएं बनी रह सकती हैं।’
राजस्व वृद्धि में गिरावट की अन्य वजह बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ा जोखिम था। भारतीय आईटी क्षेत्र का करीब 20-35 प्रतिशत राजस्व BFSI क्षेत्र से आता है और ये कंपनियां अपना करीब 80-90 प्रतिशत राजस्व अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय बाजार से हासिल करती हैं। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का मानना है कि इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि ये बाजार कैसा प्रदर्शन करेंगे।
हालांकि मंदी के परिवेश के बीच अच्छी बात यह है कि भारतीय आईटी कंपनियां लगातार तेजी से बढ़ेंगी और ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए क्लाउड पर जोर देना उनका मुख्य मकसद होगा, क्योंकि यह डिजिटलीकरण प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
एनजी ने कहा, ‘परियोजनाओं को लागत किफायती बनाने और क्लाउड पर जोर दिए जाने के साथ साथ ग्राहकों के साथ दीर्घावधि भागीदारी आईटी क्षेत्र की कंपनियों को ताकत प्रदान करने के लिए बेहद जरूरी होगी।’
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उन्होंने यह भी कहा कि बाजार दिग्गज एक्सेंचर की राजस्व वृद्धि हमेशा वैश्विक जीडीपी वृद्धि से ऊपर रही है, और पिछले मंदी के चक्र में भी ऐसा ही देखने को मिला। उन्होंने कहा, ‘जब टॉप-4 भारतीय आईटी कंपनियों की बात की जाए, तो उन्होंने 2015 से पहले शानदार वृद्धि हासिल की थी, क्योंकि उन्हें तेजी से बढ़ रही बाजार भागीदारी का फायदा मिल रहा था और उनकी क्षमताओं में भी सुधार आ रहा था। 2015 के बाद, उनकी वृद्धि के रुझान एक्सेंचर के अनुरूप ज्यादा दिखे हैं।’
एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने तीन प्रमुख आईटी सेवा कंपनियों को रेटिंग दी है, जिनमें इन्फोसिस, एचसीएल टेक और विप्रो शामिल हैं।
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रेटिंग फर्म का यह भी मानना है कि जेनरेटिव एआई, चैटजीपीटी जैसी नई तकनीक की वजह से भारतीय आईटी कंपनियों से निवेश में इजाफा होगा।
मार्जिन के संदर्भ में एसऐंडपी ने वित्त वर्ष 2024 में इस क्षेत्र का मार्जिन सपाट रहने और वित्त वर्ष 2025 में 1-1.5 प्रतिशत तक का सुधार आने का अनुमान जताया है।