हिंदुजा समूह की मॉरीशस की कंपनी इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग्स ने रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के प्रशासक को सूचित किया है कि वह 2,750 करोड़ रुपये नकद इक्विटी निवेश के साथ दिवालिया फर्म का अधिग्रहण करने के लिए तैयार है। लेकिन पैसे भेजने से पहले इंडसइंड इंटरनैशनल चाहती है कि ऋणदाता और प्रशासक भी समाधान योजना के अनुसार कुछ शर्तें पूरी करें।
आरकैप के प्रशासक को 30 जुलाई को दी गई जानकारी में इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग्स (आईआईएचएल) ने कहा कि ये शर्तें ऋणदाताओं की समिति द्वारा मंजूर की गई थीं मगर अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है।
आईआईएचएल के अनुसार इन शर्तों में रिलायंस कैपिटल से बाहर की गई संपत्तियों को अलग करने के लिए ट्रस्टी को नियुक्त करना, लेनदारों की सूची और किसे कितना भुगतान किया जाना है, उसका विवरण, सूचीबद्धता खत्म करने की तारीख आदि शामिल हैं। इसके साथ आरकैप के इक्विटी शेयरों और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर, इक्विटी शेयरों तथा एनसीडी की सूचीबद्वता खत्म करने के लिए आवेदन की शर्तें शामिल हैं।
आईआईएचएल ने कहा कि रिलायंस कैपिटल की शेयर पूंजी कम करने की औपचारिकता, एस्क्रो खाता खोलने तथा वस्तु एवं सेवा कर बकाये का मुद्दा भी लंबित है।
दिसंबर 2022 में आईआईएचएल ने दिवालिया फर्म आरकैप के अधिग्रहण की बाजी जीती थी। 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से दिसंबर 2021 में इस कंपनी को ऋणदाताओं ने ऋण समाधान के लिए भेजा था। आईआईएचएल ने आरकैप को खरीदने के लिए 9,661 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी मगर नीलामी के पहले चरण के विजेता टॉरेंट समूह द्वारा दूसरे चरण की बोली के खिलाफ सर्वोच्च अदालत चले जाने की वजह से सौदे में देर हुई।
यह मामला अभी शीर्ष अदालत में लंबित है। इस साल फरवरी में राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) ने आईआईएचएल की समाधान योजना को मंजूरी दे दी और उसे एक एस्क्रो खाते में 31 जुलाई तक 2,750 करोड़ रुपये इक्विटी अंशदान जमा करने के लिए कहा। हिंदुजा समूह अधिग्रहण के लिए बाकी रकम कर्ज से जुटा रहा है।
आरकैप के प्रशासक को भेजे गए पत्र में आईआईएचएल ने कहा है कि पैसे भेजने से पहले मॉरीशस के उसके बैंकों ने कुछ विवरण मांगा है। इसके बिना वे पैसे नहीं भेज पाएंगे।
मॉरीशस के बैंकों ने विस्तारा (ऋणदाताओं की समिति की इकाई जिसके पास पैसे भेजे जाने हैं) का अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) विवरण, सभी हितधारकों द्वारा हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय एस्क्रो खाते, विस्तारा को अधिकृत करने वाले प्रस्ताव की प्रामाणित प्रति, आईआईएचएल के निदेशक मंडल द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रमाणित प्रति और भेजे जाने वाले पैसे के वास्तविक उपयोग का विवरण मांगा है। आईआईएचएल ने कहा कि ये शर्तें पूरी होने के बाद ऋणदाताओं को एस्क्रो खाते में पैसे भेज दिए जाएंगे।
आईआईएचएल ने तय समयसीमा में लेनदेन पूरा नहीं हो पाने का संकेत देते हुए कहा, ‘इस समझौते के तहत हमें पूंजी निवेश का मसला अलग छोड़ देना चाहिए और योजना को लागू करने पर ध्यान देना चाहिए, जो हमारा मुख्य मकसद है। इस उद्देश्य के लिए हमें संयुक्त रूप से उन बिंदुओं के बारे में एनसीएलटी को बताना होगा कि जिनके लिए 10 अगस्त से आगे समय की आवश्यकता है।’
आईआईएचएल ने कहा कि कुछ बातें उसके और प्रशासक/ ऋणदाताओं की समिति के नियंत्रण से बाहर की हैं। जैसे गिरवी शेयरों के लिए नियंत्रण में बदलाव के वास्ते भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी औरऔद्योगिक संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग की मंजूरी। इस बारे में जानकारी के लिए हिंदुजा समूह से संपर्क किया गया, लेकिन उसने प्रतक्रिया नहीं दी।