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Blinkit, Zepto जैसे क्विक कॉमर्स की तेज रफ्तार से FMCG वितरक चिंतित; मंत्रालय से कहा- कारोबार को हो रहा नुकसान

संगठन ने यह भी कहा कि इन प्लेटफार्मों द्वारा भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी नियमों के अनुपालन के संबंध में भी गंभीर चिंताएं दिख रही हैं।

Last Updated- August 23, 2024 | 11:39 PM IST
उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों को बिक्री में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद Consumer goods companies expected to continue increasing sales

रोजमर्रा के उपयोग वाले उत्पादों यानी FMCG के वितरकों ने क्विक कॉमर्स उद्योग की तेजी से हो रही वृद्धि पर चिंता जताई है। इसी क्रम में एफएमसीजी वितरकों के संगठन ने वा​णिज्यि एवं उद्योग मंत्रालय को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि तेजी से उभरते क्विक कॉमर्स के कारण उनके कारोबार को नुकसान हो रहा है।

ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिट्रीब्यूटर्स फेडरेशन ने गुरुवार को सरकार को भेजे गए एक ईमेल में कहा कि ​ब्लिंकइट, जेप्टो और इंस्टामार्ट जैसे ​क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के तेजी से हो रहे विकास के कारण देश में पारंपरिक खुदरा क्षेत्र और एफएमसीजी वितरण नेटवर्क के लिए कई गंभीर चुनौतियां पैदा हो गई हैं।

पत्र में कहा गया है, ‘हम कारोबार के भविष्य को आकार देने में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका को स्वीकार करते हैं, मगर ​क्विक कॉमर्स प्लेटफार्मों के अनियंत्रित विस्तार के कारण खुदरा परिवेश में गंभीर व्यवधान पैदा हो रहा है।’

संगठन ने यह भी कहा कि इन प्लेटफार्मों द्वारा भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी नियमों के अनुपालन के संबंध में भी गंभीर चिंताएं दिख रही हैं। पत्र में कहा गया है, ‘एफडीआई के नियम मार्केटप्लेस मॉडल के तहत काम करने वाली ईकॉमर्स कंपनियों को स्टॉक रखने या अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे गए स्टॉक पर नियंत्रण रखने से स्पष्ट तौर पर रोकते हैं। मगर फिलहाल ऐसा लग रहा है कि क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ऐसी प्रथाओं को अपना रहे हैं जो मार्केटप्लेस और स्टॉक आधारित मॉडल के बीच की रेखाओं को धुंधला कर रही हैं। इस प्रकार यह एफडीआई नियमों का उल्लंघन है।’

संगठन ने यह भी कहा है कि इससे न केवल सभी के लिए असमान अवसर की ​स्थिति पैदा होगी ब​ल्कि लाखों छोटे खुदरा विक्रेताओं और वितरकों की आजीविका भी प्रभावित होगी, जो दशकों से भारत के खुदरा क्षेत्र की रीढ़ रहे हैं। उसने ​क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के परिचालन मॉडल की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है ताकि एफडीआई नियमों का अनुपालन सुनि​श्चित हो सके। साथ ही यह भी आग्रह किया गया है कि छोटे खुदरा विक्रेताओं एवं पारंपरिक वितरकों के हितों की सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय किए जाएं।

यह पहल ऐसे समय में की गई है जब केंद्रीय वा​णि​ज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने देश में ई-कॉमर्स के तेज वृद्धि पर चिंता जताई है। उन्होंने सबसे कम कीमत पर सामान बेचने संबंधी ई-कॉमर्स कंपनियों की नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं।

First Published - August 23, 2024 | 11:14 PM IST

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