एस्सार समूह इस्पात कारोबार में फिर से जोरशोर से वापसी करने की तैयारी कर रहा है। 15 अरब डॉलर वाला कारोबारी समूह अगले तीन से चार साल में वैश्विक स्तर पर 3 मेगा परियोजनाओं पर 8 अरब डॉलर के निवेश करने की योजना बनाई है। इनमें सऊदी अरब में इस्पात प्लांट के साथ ही ओडिशा तथा अमेरिका के मिनीसोटा में पैलेट प्लांट शामिल हैं।
एस्सार समूह को एनएमडीसी के 30 लाख टन क्षमता वाले निर्माणाधीन इस्पात प्लांट के लिए पांच बोलीदाताओं में से एक के तौर पर छांटा गया है।
सऊदी अरब में समूह 4 अरब डॉलर के निवेश से 40 लाख टन सालाना क्षमता वाला प्लांट स्थापित कर रही है। इस प्लांट में कास्टिंग और हॉट-स्ट्रिप स्टील का उत्पादन किया जाएगा। इसके साथ ही 10 लाख टन क्षमता वाला कोल्ड-रोल कॉइल और रास-अल खैर शहर में टिन पैलेट बनाने का भी प्लांट शामिल होगा।
इस्पात विनिर्माण में कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करने और हरित इस्पात उत्पादन को बढ़ाने देने के प्रयास के तहत एस्सार समूह का यह प्लांट गैस आधारित होगा लेकिन इसे ग्रीन हाइड्रोजन से भी चलाया जा सकेगा। हालांकि प्लांट में ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन का उपयोग तभी किया जाएगा जब उसकी कीमत व्यवहार्य स्तर पर आ जाएगी। प्लांट के लिए गैस आवंटन के लिए अभी सरकार के साथ बातचीत चल रही है।
कंपनी के सूत्रों ने कहा कि एस्सार ने सऊदी उद्योग विकास फंड के पास आवेदन किया है जो परियोजना का मूल्यांकन कर रही है और उम्मीद है कि यह प्रक्रिया अगले कुछ महीने में पूरी हो जाएगी। कंपनी को उम्मीद है कि प्लांट का निर्माण कार्य साल के अंत तक शुरू हो जाएगा और 36 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा।
इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में समूह दूसरी बार उतरने जा रही है। इससे पहले एस्सार स्टील का गुजरात में 90 लाख टन सालाना क्षमता वाला प्लांट था, जिसे कर्ज भुगतान में चूक के कारण राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट में भेजा गया था और 2019 में इसकी परिसंपत्तियों को 42,000 करोड़ रुपये में इस्पात क्षेत्र के दिग्गज लक्ष्मी निवास मित्तल ने अधिग्रहण कर लिया था। समूह ने बैंकिंग क्षेत्र के करीब 2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करने के लिए अपनी संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है।
समूह की कंपनी एस्सार मिनेट ओडिशा के क्योंझर में 1.4 करोड़ टन लौह अयस्क पैलेट कॉम्प्लेक्स की स्थापना पर 12,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। यह प्लांट लौह अयस्क खदान के समीप है। कंपनी क्योंझर से पारादीप तक 245 किलामीटर लंबा स्लरी पाइप लाइन भी बिछाएगी।
सूत्रों ने कहा कि पर्यावरणीय मंजूरियां हासिल करने के बाद परियोजना की जांच परख की जा रही है और पैसों का बंदोबस्त किया जा रहा है। इस प्लांट से अगले 30 महीने में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
मिनीसोटा में समूह मेसाबी मैटेलिक्स के नाम से कंपनी का परिचालन करती है जिसमें इसने 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। कुल प्रस्तावित निवेश 2.5 अरब डॉलर का है। यह रिडक्शन ग्रेड पैलेट का परियोजना के साथ ही सालाना 70 लाख टन माइन टैकोनाइट का उत्पादन किया जाएगा। इस परियोजना का आधा निर्माण हो चुका है और इस क्षेत्र में यह सबसे बड़े निवेश में से एक है।
समूह ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनियों के पुराने दिग्गजों की टीम नियुक्त की है। इसमें सेल के पूर्व चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी को मुख्य कार्याधिकारी (CEO) बनाया गया है। इसके साथ ही सेल के वित्त निदेशक अमति सेन को प्रेसिडेंट (Finance) और स्टील क्षेत्र के दिग्गज जितेंद्र मेहरा को वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया है।