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Dr. Reddy’s 5 शीर्ष फर्मों में होगी शामिल, ट्रेड जेनेरिक से लेकर बाल पोषण तक के नए क्षेत्रों में कदम

डीआरएल का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 1.5 अरब मरीजों तक पहुंचने का है और ट्रेड जेनेरिक कारोबार इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

Last Updated- July 07, 2023 | 10:12 PM IST

घरेलू फार्मास्युटिकल उद्योग की शीर्ष पांच कंपनियों में शामिल होने पर निगाह के साथ हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (Dr. Reddy’s) ट्रेड जेनेरिक से लेकर बाल पोषण तक के नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रही है।

इसकी होराइजन 2 रणनीति के तहत विकास का अगला चरण सेल जीन उपचार, नई रासायनिक कंपनियों, इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी परिसंपत्तियों के अलावा ब्रांडेड जेनेरिक, बायोसिमिलर आदि जैसे क्षेत्रों में रहेगा।

पिछले महीने ट्रेड जेनेरिक में उतरने के तुरंत बाद डीआरएल ने अब बाल प्रतिरक्षा बाजार में प्रवेश किया है, जिसका आकार लगभग 1,600 करोड़ रुपये होने का अनुमान है और यह दो अंकों में वृद्धि कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि इन नए क्षेत्रों में प्रवेश से कंपनी को देश के ब्रांडेड बाजार में कई जोखिमों से निपटने में मदद मिल सकती है।

डॉ. रेड्डीज ने वर्ष 2019 में वयस्क पोषण में प्रवेश किया था

गुरुवार को डीआरएल ने भारत में चिकित्सा संबंधी पोषण उत्पाद – सेलेहेल्थ किड्ज़ इम्यूनो प्लस गमीज की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य ‘विज्ञान-आधारित और चिकित्सकीय रूप से साबित’ स्थिति है। डॉ. रेड्डीज ने वर्ष 2019 में वयस्क पोषण में प्रवेश किया था। अस्पताल पोषण के साथ-साथ सामान्य स्वास्थ्य और कल्याण उत्पादों में भी इसकी मौजूदगी है।

डॉ. रेड्डीज के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, हमारा अनुमान है कि सिरप, टैबलेट, च्यूएबल्स, मेल्ट्स जैसे प्रारूपों में बाल प्रतिरक्षा बाजार लगभग 1,600 करोड़ रुपये का है, जो दो अंक में वृद्धि कर रहा है। बाल प्रतिरक्षा आहार क्षेत्र में कुछ मौजूदा कंपनियों में हेलिऑन (सेंट्रम किड्स), एजवेस्टन हेल्थकेयर (न्यूट्री बियर्स), एचयूएल (हॉर्लिक्स न्यूट्री गमीज), हिमालया (सेप्टिलिन) और एपेक्स (जिनकोविट) शामिल हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि खास तौर पर बाल पोषण के क्षेत्र में, हम चिकित्सकीय रूप से सिद्ध विज्ञान-आधारित नवोन्मेष उत्पादों के जरिये बच्चों के अनुकूल सभी प्रारूपों में बच्चों के विकास, पाचन, प्रतिरक्षा, मस्तिष्क और संज्ञानात्मक विकास के क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर ध्यान देंगे।

डॉ. रेड्डीज के पास पहले से ही न्यूट्रास्यूटिकल्स के लिए समर्पित टीम है और उसके पास सेलेविडा (मेटाबोलिक), सेलेविडा मैक्स (अस्पताल पोषण), सेलेहेल्थ (सामान्य कल्याण), सेलेविडा लिव (गैस्ट्रो-इनटेस्टिनल) जैसे ब्रांड हैं।

डीआरएल का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 1.5 अरब मरीजों तक पहुंचने का

प्रवक्ता ने कहा ‘हमारे उत्पाद खुदरा, अस्पताल और ई-कॉमर्स मार्गों के जरिये ग्राहकों तक पहुंच रहे हैं। वर्ष 2021 में हमने हैदराबाद के बाचुपल्ली में समर्पित न्यूट्रास्यूटिकल्स अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) केंद्र का उद्घाटन किया था। हम न्यूट्रास्यूटिकल्स को दीर्घकालिक विकास क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में देखते हैं।’

इससे पहले जून में डीआरएल ने ट्रेड जेनेरिक क्षेत्र में प्रवेश किया था और आरजेनएक्स नाम समर्पित अनुभाग शुरू किया था। ट्रेड जेनेरिक ऐसी दवाएं होती हैं, जिनकी बिक्री डॉक्टर के नुस्खे से नहीं की जाती, बल्कि उनका सीधे तौर पर व्यापार किया जाता है।

डीआरएल का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 1.5 अरब मरीजों तक पहुंचने का है और ट्रेड जेनेरिक कारोबार इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

First Published - July 7, 2023 | 10:12 PM IST

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