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वाहन कंपनियों का स्टील आयात पर सुरक्षा शुल्क का विरोध, आत्मनिर्भरता को लेकर मतभेद

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम ने 31 दिसंबर, 2024 को पत्र लिखकर इन विशेष स्टील उत्पादों पर सुरक्षा शुल्क लगाए जाने का पुरजोर विरोध किया है।

Last Updated- February 04, 2025 | 6:39 AM IST
Vehicle companies protest against security duty on steel import, differences over self-reliance वाहन कंपनियों का स्टील आयात पर सुरक्षा शुल्क का विरोध, आत्मनिर्भरता को लेकर मतभेद

भारतीय वाहन निर्माताओं ने कुछ विशेष ग्रेड के स्टील के आयात पर सुरक्षा शुल्क लगाए जाने का पुरजोर विरोध किया है। उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन और कड़े उत्सर्जन एवं सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाले व्यवहार्य विकल्पों के अभाव में उन्हें आयात के लिए मजबूर होना पड़ता है।

भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) ने गैर-एलॉय और एलॉय स्टील के फ्लैट उत्पादों पर सुरक्षा शुल्क लगाए जाने के लिए सरकार को अपने सदस्यों की ओर से 19 दिसंबर, 2024 को एक पत्र दिया था। वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अब उसकी जांच शुरू कर दी है। इन विशेष स्टील उत्पादों में हॉट रोल्ड कॉइल, शीट, प्लेट, कोल्ड रोल्ड कॉइल एवं शीट, कलर कोटेड कॉइल और शीट शामिल हैं।

वाहन उद्योग के सूत्रों के अनुसार, 2023-24 में करीब 5 अरब डॉलर मूल्य के इन विशेष स्टील उत्पादों का आयात किया गया।

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम ने 31 दिसंबर, 2024 को पत्र लिखकर इन विशेष स्टील उत्पादों पर सुरक्षा शुल्क लगाए जाने का पुरजोर विरोध किया है। यात्री वाहन बनाने वाली देश की सभी प्रमुख वाहन कंपनियां सायम की सदस्य हैं।

सायम ने कहा, ‘वाहन उद्योग वैकल्पिक सामग्रियों के इस्तेमाल की संभावनाओं पर पहले से ही विचार कर रहा है। मगर उत्सर्जन संबंधी विभिन्न नियामकीय मानदंडों पर विचार करने और बेहतर सुरक्षा वाले वाहनों के उत्पादन की चाहत के कारण उद्योग तकनीकी चुनौतियों के मद्देनजर इन सामग्रियों का आयात करने के लिए मजबूर है।’ उसने कहा, ‘इनमें से कुछ ग्रेड बिल्कुल डिस्पोजेबल नहीं है और वाहन उद्योग को ऐसा कोई अंदाजा नहीं है कि लंबी अवधि में इनका स्थानीय स्तर पर उत्पादन कब शुरू होगा। दीर्घावधि में इस चुनौती से निपटने के लिए सायम के सदस्य घरेलू इस्पात उत्पादकों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

इस बाबत जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड की ओर से सायम को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

आईएसए के महासचिव आलोक सहाय ने कहा, ‘चूंकि यह मामला डीजीटीआर के पास है, इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।’

इस्पात उद्योग के सूत्रों ने कहा कि वाहनों में इस्तेमाल होने वाले अधिकतर ग्रेड के स्टील का उत्पादन भारत में हो रहा है।

आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि वाहन उद्योग करीब 15 फीसदी जरूरतों के लिए स्टील का आयात करता है। उन्होंने कहा, ‘मगर भारत के पास इतनी क्षमता है कि इसमें 5 से 7 फीसदी की अतिरिक्त कमी की जा सके। साथ ही इस साल एएम/एनएस इंडिया काफी मूल्यवर्धित उत्पाद लाने की तैयारी कर रही है। वाहन उद्योग मंजूरी प्रक्रिया में तेजी ला सकता है और उसके बाद भारत वाहनों में इस्तेमाल होने वाले स्टील के मामले में लगभग सौ फीसदी आत्मनिर्भर हो जाएगा।’

First Published - February 4, 2025 | 6:39 AM IST

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