बीवाईडी इंडिया भारत में अपनी प्लग-इन हाइब्रिड कार लॉन्च करने का फैसला करने से पहले अगले 6-8 महीने तक हाइब्रिड कार की बिक्री के रुझान पर गौर करेगी। मंगलवार को कंपनी के प्रमुख (इलेक्ट्रिक यात्री वाहन ) राजीव चौहान ने यह बात कही।
चौहान ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को एक साक्षात्कार में बताया, ‘हम थोड़े समय के लिए इलेक्ट्रिक कार की पेशकश करने की कोशिश करेंगे और छह महीने बाद हम इस पर विचार करेंगे। हाइब्रिड कार बिल्कुल नया है ऐसे में हमें कुछ समय देकर यह देखने और समझने की जरूरत है कि बिक्री के आंकड़े क्या कहते हैं। इसके चलते ही कारोबार के लिए प्रेरणा मिलेगी।’
पिछले कुछ महीने में इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में भारत में हाइब्रिड कार की बिक्री में अच्छी-खासी वृद्धि देखी गई है। इलेक्ट्रिक कारों में गिरावट दर्ज की जा रही है। मंगलवार को बीवाईडी इंडिया ने भारत में इलेक्ट्रिक मल्टी-परपज व्हीकल ईमैक्स 7 लॉन्च किया जिसकी शुरुआती कीमत 26.9 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है।
कंपनी के वैश्विक पोर्टफोलियो में कई प्लग-इन हाइब्रिड कारें (पीएचईवी) हैं और यह फिलहाल भारत में इलेक्ट्रिक कारें बेचती है। चौहान कहते हैं, ‘हम वास्तव में यह देखना चाहते हैं कि प्लग-इन हाइब्रिड कारों की पेशकश करने के लिए भारतीय बाजार कब तक परिपक्व होता है। पीएचईवी और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारें बेहद अलग हैं।’
प्लग-इन हाइब्रिड कारों को किसी बाहरी बिजली स्रोत से चार्ज किया जा सकता है और पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल करने से पहले केवल इलेक्ट्रिक पावर के दम पर लंबी दूरी तय की जा सकती है।
इसके विपरीत स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारें पेट्रोल इंजन के साथ इलेक्ट्रिक मोटर के दम पर चलती हैं लेकिन इन्हें प्लग इन नहीं किया जा सकता है। ये बैटरी रिचार्ज करने के लिए मूलतः इंजन और रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग पर निर्भर होते हैं। भारत में किसी भी बड़ी कार निर्माता कंपनी ने प्लग-इन हाइब्रिड कार की पेशकश नहीं की है।
चौहान ने कहा, ‘हमारे वैश्विक पोर्टफोलियो में काफी मजबूत प्लग-इन हाइब्रिड कारें हैं। हम पिछले 6-8 महीने से स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड के बारे में सुन रहे हैं। इसके लिए कुछ रियायत और कुछ लाभ भी दिए जा रहे हैं। पहले तस्वीर साफ होने दीजिए।’ चौहान संभवतः उत्तर प्रदेश सरकार के 5 जुलाई के आदेश का हवाला दे रहे थे जिसके तहत स्ट्रॉन्ग और प्लग-इन हाइब्रिड व्हीकल पर 8-10 प्रतिशत पंजीकरण कर में छूट दी गई है जिसके चलते कारों की ऑन-रोड कीमत में 4 लाख रुपये तक की कमी आ सकती है।