ऐप्लिकेशन सिक्योरिटी फर्म इंडसफेस ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2024 की पहली तिमाही में एक साल पहले के मुकाबले भारतीय वेबसाइटों पर साइबर हमलों में 261 फीसदी की वृद्धि देखी गई। इस दौरान दुनिया भर में वृद्धि 76 फीसदी रही।
इंडसफेस की स्टेट ऑफ ऐप्लिकेशन सिक्योरिटी रिपोर्ट से पता चलता है कि बिजली एवं ऊर्जा कंपनियों को उद्योग के मुकाबले औसतन 500 गुना अधिक हमलों का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हैकर्स ने ज्यादा फिरौती वसूलने के लिए कम नियमन वाले उद्योगों को निशाना बनाया।
इंडसफेस के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी आशिष टंडन ने कहा, ‘भारतीय ऐप्लिकेशन पर 2.5 गुना अधिक हमले चिंता का विषय हैं। पिछले साल की तुलना में हम बिजली और विनिर्माण जैसे अनियमन वाले उद्योगों पर अधिक हमले देख रहे हैं। वैश्विक रुझानों के अनुरूप भारत में हमलावर सबसे ज्यादा डीडीओएस और बॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं।’
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 की पहली तिमाही के मुकाबले के इस साल के पहले तीन महीनों में डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) हमलों में 76 फीसदी का इजाफा हुआ है।
डीडीओएस वैसा साइबर हमले का ऐसा तरीका होता है जिसमें हमलावर उपयोगकर्ताओं को कनेक्टेड ऑनलाइन सेवाओं और साइटों तक पहुंचने में रोकने के लिए सर्वर पर इंटरनेट ट्रैफिक भर देता है। खुदरा, विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़ दें तो अधिकतर उद्योगों में डीडीओएस से ज्यादा बॉट हमले किए गए ।
शीर्ष डीडीओएस हमले के मूल देश भारत,अमेरिका, हॉन्गकॉन्ग और नीदरलैंड थे। बॉट हमलों के मामले में भारत, अमेरिका, जर्मनी और जापान ऐसे प्रमुख देश थे जहां से अधिकतम बॉट हमले किए गए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बॉट हमले तेजी से बढ़ रहे हैं और पूरी तिमाही में हेल्थकेयर ऐप पर 100 फीसदी, बैंकिंग, वित्त सेवा और बीमा (बीएफएसआई) उद्योग में 90 फीसदी बॉट हमले देखे जा रहे हैं। कुल मिलाकर साल 2023 की पहली तिमाही के मुकाबले बॉट हमले 147 फीसदी बढ़े हैं।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में 10 में से 9 बीएफएसआई साइटों पर बॉट हमला दर्ज किया गया।