केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा प्रेस्वू आई ड्रॉप के विनिर्माण और बिक्री के लिए एन्टोड को दी गई अनुमति निलंबित किए जाने के बाद मुंबई की एन्टोड फार्मास्युटिकल्स ने हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से मुलाकात की है।
यह कदम तब उठाया गया जब दवा नियामक ने कंपनी के इस दावे पर आपत्ति जताई कि यह प्रेस्बोपिया से पीड़ित लोगों के लिए पढ़ने के वास्ते लगाए जाने वाले चश्मे पर निर्भरता खत्म करने में मदद कर सकती है।
इस महीने की शुरुआत में एन्टोड ने पिलोकार्पाइन से बनी अपनी प्रेस्वू आई ड्रॉप पेश की थी, जो एक अल्कलॉइड है और इसका उपयोग प्रेस्बोपिया सहित नेत्र संबंधी विभिन्न हालात में इलाज के लिए किया जाता है।
प्रेस्बोपिया दृष्टि की आयु से ऐसाी स्थिति होती है, जिसमें चीजों को करीब से देखना मुश्किल हो जाता है।डीसीजीआई के साथ अपनी हालिया मुलाकात के संबंध में एन्टोड फार्मास्युटिकल्स के मुख्य कार्य अधिकारी निखिल के मसुरकर ने कहा कि कंपनी ने प्रेसवू की स्थिति और मीडिया में ऐलान के अपने इरादे के बारे में डीसीजीआई को बताया है।
उन्होंने कहा ‘एन्टोड डीसीजीआई की चिंताओं को पूरी तरह समझती है और समाचारों में अतिरंजित दावों के बाद प्रेसवू आई ड्रॉप की अनुमति निलंबित करने के उनके फैसले का सम्मान करती है।’
सूत्रों के अनुसार इस उत्पाद के दुरुपयोग के संबंध में चिंताओं की वजह से स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया था। कंपनी पर आरोप है कि उसने दावा किया था कि यह ड्रॉप संभवतः पढ़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चश्मे की जगह ले सकती है और उपयोग के 15 मिनट के भीतर असर दिखाना शुरू कर देता है।