एडटेक फर्म बैजूस के संस्थापक बैजू रवींद्रन ने अपने अमेरिकी ऋणदाता के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में ‘कैविएट’ दायर किया है। रवींद्रन को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएल एटी) से एक दिन पहले ही कंपनी कमान मिली है।
रवींद्रन और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच समझौते को मंजूरी देते हुए एनसीएलएटी ने शुक्रवार को बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न खिलाफ दिवाला समाधान प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही कंपनी के प्रवर्तक बैजू रवींद्रन के पास दोबारा कंपनी की कमान आ गई।
कैविएट आवेदन किसी वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए दायर किया जाता है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके विरुद्ध कोई आदेश पारित न किया जाए।
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याचिका 3 अगस्त को दाखिल की गई थी जब अपील अधिकरण ने कहा था कि ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के गठन से पहले ही समझौता हो गया था और भुगतान का स्रोत विवादित नहीं है’और इससे कंपनी को दिवाला कार्यवाही में रखने का कोई औचित्य भी नहीं है।