बाइक टैक्सी सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियां और उनसे जुड़े चालक दिल्ली सरकार द्वारा उनकी सेवाओं पर हाल में लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती देने के लिए अदालत जाने की योजना बना रहे हैं। बाइक टैक्सी सेवा मुहैया कराने वाली प्रमुख कंपनियों में उबर, ओला और रैपिडो शामिल हैं।
राजधानी में 1,20,000 से ज्यादा चालक यह सेवा मुहैया कराते हैं और प्रतिबंध से पहले हर सप्ताह करीब 30-40 लाख लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे थे। इससे यह महानगर इस सेवा के संदर्भ में देश में सबसे बड़ा बाजार बन गया है।
युवाओं के लिए, यात्रा करने के लिहाज से यह किफायती माध्यम है। नौकरीपेशा लोगों के लिए ये बाइक मददगार साबित हो रही हैं।
दिल्ली सरकार ने इस आधार पर यह सेवा प्रतिबंधित की है कि बाइक टैक्सी चालकों के पास प्राइवेट पंजीकरण संख्या होती है, जबकि किराया लेकर यात्रियों को बिठाकर ले जाना वाणिज्यिक परिचालन के तहत आता है, और इस तरह से यह मोटर व्हीकल्स ऐक्ट का उल्लंघन है।
चालकों और एग्रीगेटरों की दिल्ली सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद अदालत जाने की योजना बनाई गई है। एक एग्रीगेटर के वरिष्ठ अधिकारी ने सरकार द्वारा बरती जा रही सख्ती पर दुख जताते हुए कहा, ‘आश्चर्यजनक बात यह है कि सरकार ने कह दिया है कि एग्रीगेटरों के लिए नए दिशा-निर्देश आने में 3-4 महीने लगेंगे। इससे अनिश्चितता और बढ़ गई है। इससे चालकों और हमारे लिए अदालत जाने के अलावा, दूसरा कोई चारा नहीं रह गया है।’
अधिकारी ने कहा कि ऑपरेटरों ने परिचालन पर रोक नहीं लगाए जाने का अनुरोध किया है, क्योंकि इससे बाइक टैक्सी चालकों की आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।