डियाजियो, पर्नो रिका और कार्ल्सबर्ग जैसी तीन वैश्विक शराब कंपनियां तेलंगाना सरकार से करीब 46.6 करोड़ डॉलर बकाया के भुगतान की मांग कर रही हैं। उद्योग के तीन सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि हेनकेन ने तो अप्रत्याशित कदम उठाते हुए दक्षिण भारत के इस राज्य में अपनी आपूर्ति बंद कर दी है।
मात्रा के लिहाज से देखा जाए तो भारत विश्व का आठवां सबसे बड़ा शराब का बाजार है। यूरोमॉनिटर ने पिछले साल अनुमान लगाया था कि इसका सालाना राजस्व 45 अरब डॉलर है। भारत के राज्य अपने हिसाब से शराब और अल्कोहल उत्पादों का मूल्य निर्धारित करते हैं जो उनके राजस्व में मुख्य तौर पर योगदान देता है।
हाइनकेन की यूनाइटेड ब्रुअरीज ने कहा है कि उसने भारत के सबसे बड़े बीयर उपभोक्ता राज्य तेलंगाना में आपूर्ति रोक दी है क्योंकि भुगतान में देरी की जा रही है और वित्त वर्ष 2019-20 के बाद कीमतें बढ़ाने के लिए सरकार से मंजूरी नहीं मिली। इस कारण कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। भारत की सबसे बड़ी बीयर कंपनी ने बुधवार को अप्रत्याशित कदम उठाया जिससे उसके शेयर में 7 फीसदी की गिरावट आई। यह ऐसे समय हुआ है जब उद्योग को देश भर में गहन जांच का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतिस्पर्धा आयोग बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एनह्यूजर बुश इनबेव और फ्रांस की पर्नो की मिलीभगत के आरोपों की अलग से जांच कर रहा है। इसके तहत दिसंबर में उनके कार्यालयों में छापेमारी भी की गई थी। हालांकि, दोनों कंपनियां भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही हैं।
तेलंगाना जैसे कई राज्यों में शराब कंपनियों को सिर्फ सरकारी डिपो में आपूर्ति देनी होती है जो बाद में खुदरा विक्रेताओं को बेचती है। इससे कंपनियों को भुगतान के लिए राज्य सरकारों पर निर्भर रहना पड़ता है। नाम नहीं बताने की शर्त पर शराब उद्योग के सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना सरकार पर व्हिस्की और बीयर कंपनियों के कुल मिलाकर करीब 4000 करोड़ रुपये (46.6 करोड़ डॉलर) बकाया हैं।
बुधवार की देर शाम तेलंगाना के मंत्री जुप्पली कृष्णराव ने कहा कि राज्य में 70 फीसदी बाजार हिस्सेदारी वाली यूनाइटेड ब्रुअरीज ने कीमतें बढ़ाने के दबाव के तहत आपूर्ति बाधित की है। उन्होंने कहा कि सरकार पर यूनाइटेड ब्रुअरीज के करीब 6.6 अरब (7.7 करोड़ डॉलर) बकाया हैं मगर उन्होंने बकाया होने का सही कारण नहीं बताया। राव ने अन्य शराब कंपनियों की बकाया राशि की भी जानकारी नहीं दी। सूत्रों ने कहा कि कार्ल्सबर्ग के करीब 44 करोड़ रुपये ( 50 लाख डॉलर) और एबी इनबेव के 1.5 अरब रुपये (1.7 करोड़ डॉलर) बकाया हैं।
व्हिस्की और स्कॉच बनाने वाली कंपनियों के और अधिक बकाया हैं। दो सूत्रों ने बताया कि पर्नो रिका ने 15 अरब रुपये (17.5 करोड़ डॉलर) की मांग की है और डियाजियो के करीब 10 अरब रुपये (11.64 करोड़ डॉलर) बकाया हैं। हालांकि, इनमें से किसी कंपनी ने गुरुवार को कोई टिप्पणी नहीं की है और न ही तेलंगाना के सरकारी अधिकारियों ने इस पर कुछ कहा है।
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