Auto retail sales: ग्रामीण बाजार में सुधार और शादियों के मौसम के कारण वाहनों की खुदरा बिक्री जनवरी में 15 फीसदी बढ़कर 21.3 लाख गाड़ियां हो गई हैं। एक साल पहले की इसी अवधि में 18.5 लाख गाड़ियां बिकी थीं। गाड़ियों की सभी श्रेणियों में बिक्री बढ़ी है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि दोपहिया वाहन, तीन पहिया वाहनों, यात्री वाहनों, ट्रैक्टर और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में क्रमशः 15 फीसदी, 37 फीसदी, 13 फीसदी, 21 फीसदी और 0.01 फीसदी इजाफा हुआ है।
इस साल जनवरी में यात्री वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री हुई। जनवरी 2024 में रिकॉर्ड 3,93,250 यात्री वाहनों की बिक्री हुई, जो पिछले साल यानी जनवरी 2023 में 3,47,086 गाड़ियों से 13 फीसदी ज्यादा है।
जनवरी में यात्री वाहनों की बिक्री ने नवंबर में बने रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है। वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री को एसयूवी गाड़ियों की मांग, नए मॉडलों की पेशकश, अधिकतम उपलब्धता, प्रभावी मार्केटिंग, ग्राहकों के लिए बेहतर ऑफर और शादियों के सीजन से दम मिला है।
मगर यात्री वाहनों (पीवी) के इन्वेंट्री स्तर को लेकर चिंता बरकरार है, जो अब 50 से 55 दिनों के दायरे में है। फिलहाल 23 मॉडलों का स्टॉक पिछले साल से इस साल लाया गया है। मारुति सुजूकी, ह्युंडै मोटर, टाटा मोटर, एमऐंडएम और किया जैसी कंपनियों का इन्वेंट्री स्तर अधिक है।
इस साल दोपहिया वाहन बाजार की शुरुआत सकारात्मक रही। ऑनबोर्ड डायग्नोस्टिक-2 (ओबीडी 2) मानक के समायोजन के बाद वाहनों की उपलब्धता में सुधार, नए मॉडलों की पेशकश और प्रीमियम वाहनों की ओर लोगों के रुझान से मांग में इजाफे को दम मिला। साथ ही अच्छी फसल, शादियों का मौसम और ऑफरों के कारण भी दोपहिया क्षेत्र के लिए अनुकूल स्थिति बनी। दोपहिया वाहनों की बिक्री 1.46 करोड़ रही जो एक साल पहले के इसी महीने में 1.27 करोड़ थी।
फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ‘ग्रामीण बाजार से मांग निकलने और शादियों का सीजन होने से बिक्री को बल मिला है। ग्रामीण बाजार में सुधार कोई एक महीने की बात नहीं है। हम इसे पिछले पांच महीनों से देख रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान यह और बढ़ेगी, खासकर दोपहिया वाहनों की बिक्री में और इजाफा होगा।’
सिंघानिया ने कहा, ‘तीन पहिया वाहन खंड में मिलाजुला परिणाम दिख रहा है। वाणिज्यिक तीन पहिया वाहन बाजार में वृद्धि बरकरार है, लेकिन इलेक्ट्रिक मॉडलों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा से बाजार में एक बड़ा बदलाव आया है। 55 फीसदी तीन पहिया वाहन इलेक्ट्रिक हैं।’
इस श्रेणी ने जनवरी 2024 में 37 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। जनवरी 2023 की 71,325 गाड़ियों की बिक्री की तुलना में इस साल जनवरी में 97,675 तीन पहिया वाहनों की बिक्री हुई है। उन्होंने कहा कि बढ़ती मांग, सरकारी ईवी नीतियों सहित कई कारणों से तीन पहिया वाहन बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की हिस्सेदारी जल्द ही 65 फीसदी पहुंच सकती है।
घरेलू मात्रात्मक वृद्धि में नरमी और निर्यात के लिए कमजोर परिदृश्य रहने से वित्त वर्ष 2025 में वाहन कलपुर्जा उद्योग की वृद्धि 5 से 7 फीसदी रहने की संभावना है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि दमदार घरेलू मांग के कारण उसके नमूने में शामिल 45 सहायक वाहन कंपनियां (वित्त वर्ष 2023 में सालाना राजस्व 2.7 लाख करोड़ रुपये वाली) वित्त वर्ष 2024 में 9 से 11 फीसदी की दर से बढ़ेंगी मगर आने वाले वित्त वर्ष में यह वृद्धि कम होकर 5 से 7 फीसदी हो जाएगी।
इक्रा लिमिटेड की उपाध्यक्ष और सेक्टर हेड (कॉरपोरेट रेटिंग्स) विनुता एस ने कहा, ‘भारतीय वाहन कलपुर्जा उद्योग में घरेलू मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) की मांग 50 फीसदी से अधिक है और वित्त वर्ष 2025 इसमें नरमी की आशंका है। खासकर यात्री और वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में।’ उन्होंने कहा कि रिप्लेसमेंट की मांग वित्त वर्ष 2025 में स्थिर रहने की उम्मीद है और यह 5-7 फीसदी की दर से बढ़ेगा।
विनुता ने कहा, ‘उद्योग के राजस्व में 29 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाला निर्यात भी वित्त वर्ष 2025 में कमजोर रह सकता है, जो ऐंड मार्केट में कम वृद्धि की उम्मीदों के कारण होगा। मगर, सहायक कंपनियों को नए प्लेटफॉर्मों पर आपूर्ति से लाभ मिलेगा क्योंकि वैश्विक ओईएम अपने वेंडरों में विविधता लाएंगे और आउटसोर्सिंग बढ़ाएंगे।’