ऐपल (Apple) की अमेरिकी बहुराष्ट्रीय अनुबंध पर विनिर्माता कंपनी जेबिल इंक (Jabil Inc) तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में नया इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण संयंत्र लगाएगी। इसमें 2,000 करोड़ रुपये का निवेश और 5,000 नौकरियों का सृजन होगा। इसके साथ ही प्रदेश में फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के बाद ऐपल का चौथा आपूर्तिकर्ता आ सकता है।
जेबिल सिस्को और एचबी की भी प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। साल की शुरुआत में जेबिल ने भारत में ऐपल के लिए एयरपोड के प्लास्टिक बॉडी जैसे पुर्जों का विनिर्माण शुरू किया था। जेबिल के लिए भारत से प्रमुख निर्यात स्थल चीन और वियतनाम हैं। इसके 8.58 लाख वर्गफुट में फैले पुणे संयंत्र में करीब 2,500 कर्मचारी हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अमेरिकी यात्रा के दौरान मंगलवार को इस सौदे को अंतिम रूप दिया गया।
स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘ईएमएस की वैश्विक दिग्गज कंपनी जेबिल तिरुचिरापल्ली में 2 हजार करोड़ रुपये का बड़ा निवेश करेगी। इससे 5 हजार नौकरियां पैदा होंगी और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए एक नया क्लस्टर तैयार होगा।’
इसके अलावा रॉकवेल ऑटोमेशन भी कांचीपुरम में 666 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अपने विनिर्माण संयंत्र का विस्तार करेगी जिससे 365 नई नौकरियां पैदा होंगी। युवाओं को कौशल प्रदान करने और एमएसएमई एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के साथ-साथ पूरे औद्योगिक परिवेश को मजबूत करने के लिए ऑटोडेस्क के साथ भी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
हाल के दिनों में तमिलनाडु से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में वृद्धि दर्ज की जा रही है, जो मुख्य तौर पर आईफोन निर्यात में तेजी के कारण है। अब प्रदेश देश का शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यातक बन गया है। इसका निर्यात वित्त वर्ष 2024 में 9.56 अरब डॉलर हो गया है, जो वित्त वर्ष 2023 के 5.37 अरब डॉलर से 78 फीसदी अधिक है। निर्यात मोर्चे पर तमिलनाडु अब कर्नाटक और उत्तर प्रदेश से काफी आगे निकल गया है।
उद्योग के जानकारों का कहना है कि निर्यात बढ़ने का एक बड़ा कारण ऐपल (Apple) जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की चीन प्लस वन रणनीति है। इसके बाद ही फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन जैसे अनुबंध निर्माता और सैलकॉम्प जैसे आपूर्तिकर्ताओं ने पिछले साल तमिलनाडु को देश का इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।