अदाणी ग्रुप (Adani Group) की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचकर इस ज्वाइंट वेंचर से बाहर निकलने का फैसला किया है। इस खबर के सामने आने के बाद से निवेशकों के मन में सवाल था कि भारत की सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनी (edible oil company) से अदाणी के अलग होने के बाद Wilmar का क्या होगा? क्या Wilmar भारत में ऑपरेशन जारी रखेगी या भारतीय बाजार से बाहर निकल जाएगी? निवेशकों के मन में घूम रहे इस तरह के तमाम सवालों का जवाब विल्मर एक फैसले ने दे दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि Adani के अलग होने के बाद Wilmar भारत में FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी ITC के नक्शेकदम पर चलेगी और इस सेक्टर में अपने पैर और मजबूती से जमाने की कोशिश करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनी अदाणी विल्मर लिमिटेड (AWL) अदाणी ग्रुप के बाहर निकलने के बाद अपने हाई मार्जिन वाले FMCG पोर्टफोलियो में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अपने मुख्य बिजनेस और व्यापक वितरण नेटवर्क (extensive distribution network) का लाभ उठाकर ITC के समान रणनीति अपना रही है।
जिस तरह ITC ने FMCG सेक्टर में पैर जमाने के लिए अपने मजबूत सिगरेट कारोबार का इस्तेमाल किया, उसी तरह AWL अपने प्रमुख खाद्य तेल कारोबार को FMCG विकास की नींव के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।
अदाणी ग्रुप के बाहर होने के बाद, विलमर इस रणनीति को और आगे बढ़ा सकता है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी भारतीय बाजार में और भी अधिक ग्लोबल FMCG ब्रांड्स पेश करने पर विचार कर रही है।
अदाणी विल्मर ने 4 जनवरी, 2025 को वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही का अपना अपडेट जारी किया। शेयर बाजार को दी सूचना में कंपनी ने बताया कि सभी सेगमेंट में मजबूत प्रदर्शन के परिणामस्वरूप, दिसंबर तिमाही के लिए AWL का कुल रेवेन्यू 33 प्रतिशत बढ़ गया। जबकि विश्लेषकों का अनुमान 10-15 प्रतिशत का था। कंपनी ने रेवेन्यू में इजाफे का श्रेय वॉल्यूम में 6% की शानदार ग्रोथ को दिया। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में दावा किया कि यह वृद्धि कच्चे माल की बढ़ती लागत के चलते कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद हासिल की गई।
एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि खाद्य तेल (edible oils) सेगमेंट में उपभोक्ताओं के बीच सस्ते विकल्पों की ओर रुझान देखा गया, लेकिन कंपनी ने विभिन्न कीमतों पर ब्रांड्स के व्यापक पोर्टफोलियो के साथ अपना बाजार हिस्सा बनाए रखा। Q3 अपडेट में कहा गया कि फूड कैटेगरी में, गेहूं का आटा, चावल, नगेट्स, दालें, पोहा और चीनी जैसे प्रमुख पैकेज्ड उत्पादों ने मजबूत दो अंकों की वृद्धि दर्ज करना जारी रखा।
30 दिसंबर को अरबपति गौतम अदाणी के ग्रुप ने अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर स्थित पार्टनर और खुले बाजार में 2 अरब डॉलर से अधिक में बेच दी। यह डील अमेरिकी रिश्वत कांड के आरोपों के बाद ग्रुप का पहला बड़ा कदम है।
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, जो कि फॉर्च्यून ब्रांड के कुकिंग ऑयल, गेहूं का आटा और अन्य खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी अदाणी विल्मर लिमिटेड में 43.94 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती थी, उसने 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विलमर इंटरनेशनल को बेच दी। बाकी बची लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी को खुले बाजार में बेचा जाएगा ताकि न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (minimum public shareholding) की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
अदाणी, विलमर को 40.37 करोड़ शेयर (31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी) प्रति शेयर अधिकतम 305 रुपये में बेचेगा, जिससे 12,314 करोड़ रुपये की कमाई होगी। खुले बाजार में शेयर बिक्री (OFS) से प्राप्त राशि, जिसकी कीमत बिक्री के दिन तय की जाएगी, को जोड़कर, कुल आय 2 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 17,100 करोड़ रुपये) से अधिक होगी।
इस सौदे के बाद, विलमर इंटरनेशनल के भारतीय बाजार में अपने ग्लोबल ब्रांड्स को पेश करने की उम्मीद है।
(PTI के इनपुट के साथ)