अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज (एएचईएल) एडवेंट इंटरनैशनल (एडवेंट) सौदे से मिलने वाली 890 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल अधिग्रहण और आंतरिक स्तर पर विस्तार के लिए करेगी। अपोलो हेल्थको में एडवेंट का प्रवेश कंपनी के लिए ‘बदलावकारी’ जैसा होने की संभावना है। अपोलो के शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज अगले तीन साल में करीब 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और प्रति वर्ष करीब 700 बिस्तर जोड़ेगी। एडवेंट और अपोलो हेल्थको ने एक समझौता किया है जिसके जरिये एडवेंट अपोलो हेल्थको में 2,475 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जो अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। अपोलो समूह के प्रवर्तकों के स्वामित्व वाली थोक वितरण कंपनी कीमेड का भी अपोलो हेल्थको में विलय किया जाएगा।
कुल 2,475 करोड़ रुपये में से 860 करोड़ रुपये का उपयोग अपोलो हेल्थको के विस्तार में किया जाएगा और 860 करोड़ रुपये का मूल कंपनी एएचईएल को भुगतान किया जाएगा। विलय वाली कंपनी में एडवेंट 12.1 प्रतिशत हिस्सेदारी सुरक्षित करने के लिए दो चरणों में अनिवार्य परिवर्तनीय साधनों में निवेश करेगी। संयुक्त कंपनी का मूल्यांकन 22,481 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर रहेगा।
कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी कृष्णन अखिलेश्वरन ने कहा, ‘अगर आप कंपनी में आने वाले 2,475 करोड़ रुपये के फंड पर नजर डालें तो 890 करोड़ रुपये एएचईएल में वापस आ रहे हैं। स्पष्ट रूप से हमारे लिए यह अवसर है कि इस पैसे में से कुछ का इस्तेमाल अपोलो के विकास के लिए किया जाए। हमारे मुख्य रणनीतिक बाजारों में अधिग्रहण और आंतरिक वृद्धि रहेगी।’
अपोलो हेल्थको की डिजिटल हेल्थकेयर (अपोलो 24/7) और फार्मा वितरण कारोबार में मौजूदगी है। उम्मीद है कि यह संयुक्त कंपनी तीन साल में सात से आठ प्रतिशत एबिटा के साथ 25,000 करोड़ रुपये का राजस्व देगी, जो अभी क्रम से लगभग 13,600 करोड़ रुपये और 1.5 प्रतिशत है।
अखिलेश्वरन ने कहा कि यह वृद्धि छह से आठ तिमाहियों में अपोलो 24/7 की लागत निकालने, आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता के जरिये अधिक मार्जिन प्राप्ति और प्राइवेट लेबल कारोबार में तीव्र वृद्धि से हासिल की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कीमेड का विलय समूह के लिए बड़ा सकारात्मक कदम है। इस विलय से फार्मेसियों की संख्या बढ़कर 70,000 हो जाएगी। उन्होंने कहा ‘जब अपोलो के शेयरधारकों की बात आती है, तो यह उनकी वृद्धि के लिए अच्छा मूल्य होगा। अभी कंपनी का 59.7 प्रतिशत हिस्सा अपोलो हॉस्पिटल्स के पास है। इस विलय के कारण 25.7 प्रतिशत हिस्सा कीमेड के प्रवर्तकों के पास होगा।’
चेन्नई में एएचईएल ओल्ड महाबलीपुरम रोड वाले क्षेत्र में 500 बिस्तर वाली मेड सिटी की योजना बना रही है। इसमें करीब 950 करोड़ रुपये का निवेश होगा। उन्होंने कहा, ‘हमें जल्द ही निर्माण शुरू होने की उम्मीद है और इसे शुरू करने में तीन साल लगेंगे। इसमें कार्डियक, ऑन्कोलॉजी, न्यूरो साइंस, ऑर्थोपेडिक्स आदि में कुछ बेहतरीन क्लीनिकल कार्यक्रम होंगे। हम अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पर भी बड़ा दांव लगा रहे हैं।’