22 प्रतिशत की अफोर्डेबिलिटी रेश्यो के साथ अहमदाबाद (गुजरात) देश के सबसे सस्ते हाउसिंग मार्केट के रूप में उभरा है। यह खुलासा प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट से हुआ है। इसके बाद, कोलकाता और पुणे 25-25 प्रतिशत की अफोर्डेबिलिटी रेश्यो पर सबसे किफायती रहे।
अफोर्डेबिलिटी रेश्यो को एक औसत परिवार की कुल आय और EMI के रेश्यो के रूप में परिभाषित किया गया है। रेश्यो जितना कम होगा, घर उतना ही किफायती होगा।
Knight Frank Research की “अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2022″ के अनुसार, 2011 के बाद से अधिकतम सुधार दिखाने के बावजूद, मुंबई 53 प्रतिशत के रेश्यो के साथ सबसे कम किफायती शहर था। बता दें कि 2011 में, इसका अफोर्डेबिलिटी रेश्यो 100 प्रतिशत था।
50 प्रतिशत से ऊपर के अफोर्डेबिलिटी रेश्यो को अनअफोर्डेबल माना जाता है। 2022 में, केवल मुंबई ही एकमात्र शहर था, जिसका अनुपात 50 प्रतिशत से अधिक था।
वहीं, चेन्नई और बेंगलुरु में से प्रत्येक का अफोर्डेबिलिटी रेश्यो 27 प्रतिशत था। दिल्ली-एनसीआर में यह 29 प्रतिशत और हैदराबाद में 30 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बार-बार दरों में बढ़ोतरी के कारण, भारत में घर खरीदने की कुल सामर्थ्य 2021 की तुलना में 2022 में कम हो गई, लेकिन 2019 में महामारी से पहले के स्तर से अभी भी अधिक थी।
2022 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रीपो दर में 225 बेसिस पॉइंट (BPS) की बढ़ोतरी की। रीपो रेट में बढ़ोतरी के बाद, बैंकों ने भी जमा और साथ ही लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिया था।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ” होम लोन की दरों में वृद्धि और अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स पर कीमतों के प्रभाव को आमदनी और जीडीपी में वृद्धि ने कमोबेश बेअसर कर दिया , जिससे आवासीय बाजार को अपनी गति बनाए रखने में मदद मिली है।”
उन्होंने कहा, “यह उद्योग के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि यह कुछ समय से एक बदलाव की उम्मीद कर रहा था। नए साल के लिए, हमें उम्मीद है कि बिक्री की यह गति जारी रहेगी क्योंकि हम उम्मीद करते हैं कि GDP में ग्रोथ बनी रहेगी और महंगाई स्थिर रहेगी।”