अदाणी ग्रुप (Adani Group) की रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Limited) अपने आगामी रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स के लिए देश के बाहर से 40 करोड़ डॉलर का कर्ज जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।
मामले से परिचित सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर ब्लूमबर्ग को बताया कि विदेशी मुद्रा में लिए जाने वाला कर्ज सात से दस साल तक हो सकता है, जिसकी कीमत सिक्योर ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट से जुड़ी होने की संभावना है।
बंदरगाहों से लेकर एनर्जी सेक्टर में काम करने वाली दिग्गज अदाणी ग्रुप की कंपनी मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप इंक, फर्स्ट अबू धाबी बैंक पीजेएससी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप इंक सहित बैंकों के एक ग्रुप के साथ बातचीत कर रही है।
कंपनी ने टिप्पणी के लिए ब्लूमबर्ग के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया।
धन जुटाने की कवायद इस बात का संकेत है कि पिछले साल की शुरुआत में अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद से अदाणी ग्रुप ने निवेशकों का विश्वास हासिल करना जारी रखा है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी ग्रुप ने पिछले महीने संकट के बाद अपनी पहली डॉलर-मूल्यवर्ग वाली सार्वजनिक बॉन्ड बिक्री के लिए डील के आकार से सात गुना ज्यादा मूल्य के ऑर्डर प्राप्त किए। इससे पहले दिसंबर में, अदाणी ग्रीन ने बैंकों के एक समूह से 1.4 अरब डॉलर का कर्ज उठाया था।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के क्रेडिट विश्लेषक शेरोन चेन ने पिछले महीने एक नोट में लिखा था कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भारत का ध्यान, जो मई में होने वाले लोक सभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने पर जारी रहने की संभावना है, इस सेक्टर से बॉन्ड सप्लाई में वृद्धि हो सकती है।
भारत अपनी जीवाश्म ईंधन से चलने वाली अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज करने के लिए दशक के अंत तक ज्यादातर सौर (Solar) और पवन परियोजनाओं (wind projects) के माध्यम सेअपनी स्वच्छ ऊर्जा क्षमता (clean energy capacity) को लगभग तीन गुना करने की योजना बना रहा है। देश का लक्ष्य ग्रीन पावर को ग्रिड से जोड़ने के लिए ट्रांसमिशन लाइनें बनाने के लिए 30 अरब डॉलर का निवेश करना है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी पाकिस्तानी सीमा के पास दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूबल एनर्जी प्लांट लगाएंगी। इसके लिए कंपनी 2.3 लाख करोड़ रुपये (2.3 ट्रिलियन रुपये) का निवेश करेगी। कंपनी ने 7 अप्रैल यानी रविवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि उसकी योजना साल 2030 तक रिन्यूबल एनर्जी में बड़ा विस्तार करने की है। कंपनी इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा गुजरात के कच्छ के खावड़ा में सोलर और विंड एनर्जी की प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए खर्च कर रही है।