नौकरी की अनिश्चितता के बीच साल 2023 एक उम्मीद बढ़ाने वाली खबर लेकर आया है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि कई सालों के अनुभव और कई इंडस्ट्रीज में काम कर चुके करीब 62 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी में इस साल बढ़ोतरी की गई है।
रिपोर्ट में बताया गया कि फाउंडइट (जिसे पहले Monster के नाम से जाना जाता था) की ‘Appraisal Trends Report’ में कहा गया है कि गैर-मेट्रो शहरों में कम से कम 13 प्रतिशत प्रोफेशनल्स को 20 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी मिली। मेट्रो शहरों में 11 प्रतिशत प्रोफेशनल्स का एक बराबर वेतन बढ़ाया (same increment) गया।
मेट्रो शहरों से छोटे शहरों की ओर जाती कंपनियां
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये आंकड़े गैर-मेट्रो क्षेत्रों में टैलेंट के बढ़ते अवसरों की ओर इशारा करते हैं, क्योंकि बहुत सारे ऑर्गेनाइजेशन्स लागत बचाने और टैलेंट तक पहुंच के लिए बड़े शहरे से बाहर जा रहे हैं।
किस लेवल के प्रोफेशनल्स की कितनी बढ़ी सैलरी ?
एसोसिएट लेवल के प्रोफेशनल्स का इस साल सबसे ज्यादा सैलरी बढ़ी है, एंट्री लेवल के आधे से ज्यादा कर्मचारियों की सैलरी में थोड़ी भी बढ़ोतरी नहीं हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग एक्सपीरिएंस के आधार पर सैलरी में बढ़ोतरी यानी अप्रेजल कई तरह की तस्वीर पेश करता है। एंट्री लेवल के प्रोफेशनल्स (0-3 वर्ष का अनुभव) के लिए सैलरी इंक्रीमेंट में एक अलग तरह का दिलचस्प ट्रेंड दिखाई देता है। सर्वे में शामिल 62 प्रतिशत लोगों ने दावा किया कि उन्हें इस वर्ष कोई अप्रेजल नहीं मिला। उनमें से कम से कम 10 प्रतिशत को 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली, जबकि 9 प्रतिशत लोगों को 0-5 प्रतिशत सैलरी इंक्रीमेंट मिला।
एसोसिएट लेवल के कर्मचारियों (4-6 वर्ष) ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया, 17 प्रतिशत कर्मचारियों को 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली, और 15 प्रतिशत को 10-15 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली। लेवल पर ऊपर चढ़ते हुए, मिड-सीनियर लेवल के 23 प्रतिशत कर्मचारियों (7-10 वर्ष एक्सपीरिएंस) को 5-10 प्रतिशत की सीमा में अप्रेजल मिला। लीडरशिप पोजीशन यानी हाई लेवल पर कार्यरत लगभग 19 प्रतिशत अधिकारियों (16 वर्ष से अधिक अनुभव) को 5-10 प्रतिशत की सीमा में अप्रेजल मिला।
सबसे ज्यादा अप्रेजल के मामले में मिड लेवल यानी बीच के लेवल के कर्मचारी रहे। इन कर्मचारियों में से 13 प्रतिशत को 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी मिली, जो यहां तक कि सीनियर लेवल और लीडरशिप लेवल से भी ज्यादा है।
गौरतलब है कि प्रत्येक एक्सपीरिएंस लेवल कैटेगरी में 30 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारियों को इस वर्ष अप्रेजल नहीं मिला।
फाउंडिट के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) शेखर गरिसा ने कहा, ‘आज व्यवसायों द्वारा प्रदर्शित सतर्क भावनाओं (cautious sentiments) के बावजूद, ज्यादातर भारतीय कर्मचारियों ने इस वर्ष पॉजिटिव अप्रेजल प्राप्त किया है। फाउंडइट की Appraisal Trends Report से पता चलता है कि कंपनियां वेतन वृद्धि के लिए अतिरिक्त और वैकल्पिक वैरिएबल्स जैसे ESOP, बोनस और यहां तक कि प्रमोशन पर भी विचार कर रही हैं।’
उन्होंने कहा, ‘गैर-मेट्रो शहरों में सफेदपोश कर्मचारियों के भी सौलरी में उत्साहजनक बढ़ोतरी देखने को मिली है। आज, कई फैक्टर, जैसे वर्कप्लेस कल्चर, स्किलिंग अपॉर्चुनिटी और टीम-लीडिंग के अवसर कर्मचारी मनोबल को अत्यधिक प्रभावित करते हैं।’
टेक सेक्टर में सबसे ज्यादा बढ़ी सैलरी
हेल्थकेयर और BPO/ITES सेक्टर्स ने इस साल 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की पेशकश की। हेल्थकेयर और BPO/ITES इंडस्ट्री के ज्यादातर कर्मचारियों को अप्रेजल मिला। हेल्थकेयर में 29 प्रतिशत कर्मचारियों को 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली और 27 प्रतिशत को 10-15 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली।
BPO/ITES इंडस्ट्री में, 49 प्रतिशत कर्मचारियों ने वित्त वर्ष 2013 में 0-5 प्रतिशत मूल्यांकन प्राप्त किया और 26 प्रतिशत को 5-10 प्रतिशत की वृद्धि मिली।
BFSI इंडस्ट्री के कम से कम 20 प्रतिशत कर्मचारियों को 10-15 प्रतिशत अप्रेजल और 30 प्रतिशत को 5-10 प्रतिशत का इंक्रीमेंट मिला।
IT सेक्टर में भी इसी तरह का ट्रेंड देखा गया, जहां 30 प्रतिशत कर्मचारियों को 10-15 प्रतिशत और 21 प्रतिशत को 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली। यह देखना दिलचस्प है कि सर्वे में शामिल IT में काम कर रहे 82 प्रतिशत लोगों को इस साल अप्रेजल मिला। जो लोग सर्वे में शामिल हुए थे, उनमें से इंजीनियरिंग/कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में कम से कम 20 प्रतिशत लोगों ने 20 प्रतिशत से अधिक का इंक्रीमेंट हासिल किया।
कम से कम 76 प्रतिशत कर्मचारी नौकरी बदलने पर विचार कर रहे थे। नए अवसर तलाशना चाह रहे लोगों में से 26 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनकी वेतन वृद्धि 5-10 प्रतिशत की इंक्रीमेंट रेज में थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 49 प्रतिशत कर्मचारी जिन्हें इंक्रीमेंट नहीं मिला, उन्हें ESOP और बोनस से मुआवजा दिया गया।