भारतीय कंपनियों के ‘सौदों’ में जनवरी में भारी गिरावट आई है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। जनवरी में भारतीय कंपनियों ने 2.7 अरब डॉलर के 145 सौदे किए।
सलाहकार कंपनी ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट के अनुसार, मूल्य के हिसाब से बड़े लेनदेन के अभाव में जनवरी में सौदों का मूल्य 56 फीसदी घट गया। एक साल पहले समान महीने में भारतीय कंपनियों ने 6.12 अरब डॉलर के सौदे किए थे। यदि पिछले महीने से तुलना की जाए, तो भारतीय कंपनियों के सौदों में 62 फीसदी की गिरावट आई।
जनवरी, 2022 में 244 सौदे हुए थे। ऐसे में संख्या के लिहाज से इस साल जनवरी में सौदों में 41 फीसदी की कमी आई। पिछले महीने यानी दिसंबर की तुलना में सौदों की संख्या तीन फीसदी कम रही। ग्रांट थॉर्नटन की भागीदार शांति विजेता ने कहा, ‘पिछले साल भारत ने रिकॉर्ड सौदे किए थे, जिससे निवेशक भविष्य को लेकर आशान्वित थे। हालांकि, जनवरी, 2023 में सौदों की संख्या इन उम्मीदों के अनुरूप नहीं है और इसमें गिरावट आई है।’
जनवरी, 2023 में विलय एवं अधिग्रहण (Mergers and Acquisitions) सौदों की संख्या 62 फीसदी घटकर 26 रह गई। इस दौरान कुल 31.1 करोड़ डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे हुए। यह जनवरी, 2022 की तुलना में 88 फीसदी प्रतिशत की गिरावट है।
विलय एवं अधिग्रहण क्षेत्र में घरेलू स्तर पर सौदों का दबदबा रहा। इस दौरान घरेलू स्तर पर 27 करोड़ डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे हुए। यह मासिक आंकड़ा मई, 2022 के बाद सबसे कम है।
आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में 119 सौदों में 2.4 अरब डॉलर का निजी इक्विटी (PE) निवेश आया। जनवरी, 2022 की तुलना में इस साल जनवरी में मात्रा और मूल्य के हिसाब से निजी इक्विटी निवेश में कमी आई है। लेकिन दिसंबर, 2022 की तुलना में निजी इक्विटी सौदे मात्रा के हिसाब से 28 फीसदी और मूल्य के हिसाब से 30 फीसदी बढ़े हैं।